ट्रिपल तलाक के नए कानून बनाने को लेकर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में बिल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना तंज कसा है. उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कानून बनाने की जरूरत है जिसमें 20 लाख उन महिलाओं को भी न्याय मिलना चाहिए जो दूसरे समुदाय से आती हैं जिसमें गुजरात वाली भाभी भी शामिल हैं.
नई दिल्ली: देश में तीन तलाक को रोकने के संबंधित मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक (ट्रिपल तलाक) को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में पेश किया है. अभी लोकसभा में इस मुद्दे पर बहस जारी है. इसी बीच एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में बिल का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना तंज कसा है. उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कानून बनाने की जरूरत है जिसमें 20 लाख उन महिलाओं को भी न्याय मिलना चाहिए जो दूसरे समुदाय से आती हैं और उनके पतियों ने उन्हें छोड़ दिया है जिसमें गुजरात वाली भाभी भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि ओवैसी का यह बयान पीएम मोदी की पत्नी जशोदा बेन के लिए था जो उन्होनें बिना नाम लिए कहा. इसके साथ ही ओवैसी ने तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए इसे मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन बताया. ओवैसी ने कहा कि अगर यह बिल पास होता है तो यह देश में रहने वाली मुस्लिम महीलाओं के अधिकारों का हनन होगा. यह बिल देश के कानून के बिल्कुल अनुकूल नहीं है. इस्लाम में पहले से ही तलाक और घरेलू हिंसा के कानून लागू हैं ऐसे में केंद्र सरकार को नए कानून लाने की कोई जरूरत नहीं है. इसके आगे ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक को लेकर कोई नया कानून बनाने से पहले जनता के बीच जाकर इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए. जब घरेलु हिंसा एक्ट 2005 महीलाओं को संरक्षण दे रहा तो नए कानून की जरूरत क्या है.
वहीं, दूसरी तरफ ऑल इण्डिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने ट्वीट करते हुए कहा है कि आज एक ऐतिहासिक दिन है. पीड़ितों ने कई साल तक यह सब झेला है और अब उन्हें उनके धैर्य का इनाम मिला है. इसके आगे शाइस्ता ने सभी सांसदों से निवेदन करते हुए कहा कि कि वे ट्रिपल तलाक मुद्दे को पास करने में सरकार का साथ दें.बता दें कि आज कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक (ट्रिपल तलाक) को पेश किया. अब संसद में इस मामले को लेकर बहस जारी है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस बिल पर सरकार को कांग्रेस का भी समर्थन मिल गया है.
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