संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को लेकर हो रहे विवाद के बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयान दिया है. उन्होंने मुसलमानों से फिल्म न देखने की अपील करते हुए कहा कि मुसलमान राजपूतों से कुछ सीखें. वह इस फिल्म के लिए समय और रुपया दोनों बर्बाद करने से बचें
हैदराबादः संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर चल रहे विरोध में अब ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इतेहदुल मुसलिमीन (AIMIM)प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं. हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने फिल्म को बकवास बताते हुए मुसलमानों से अपील की है उन्होंने कहा अल्लाह ने आप लोगों को यह दो घंटे की मनहूस फिल्म देखने के लिए नहीं बनाया है, आप लोग इसे देख कर अपना वक्त और पैसा बर्बाद न करें.
‘ओवैसी ने पद्मावत को बताया मनहूस’
असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को वारंगल शहर में अखिल भारतीय अभियान ‘सेव शरिया’ को लेकर एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पद्मावत फिल्म को मनहूस और गलीज बताया है. उन्होंने अपील की कि मुसलमाल यह फिल्म देखकर अपना पैसा व समय दोनों ही बर्बाद न करें. प्रसिद्ध राजपूत रानी पद्मावती और सम्राट अलाउद्दीन खिलजी के इर्द-गिर्द घूमती भंसाली की फिल्म पर ओवैसी के बयान ने एक और नया विवाद खड़ा कर दिया है.
‘राजपूतों से सीखें मुसलमान’
ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को राजपूतों से कुछ सीखना चाहिए, जो अपनी रानी के समर्थन में खड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘वे हमें आइना दिखा रहे हैं. वे इस मुद्दे पर एक साथ खड़े हुए हैं और नहीं चाहते कि मूवी दिखाई जाए. हालांकि, मुसलमान बंट जाते हैं वे इस्लाम के नियमों में बदलाव होने पर भी आवाज बुलंद नहीं करते हैं’ उन्होंने पीएम मोदी को भी निशाना बनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सदस्यों का पैनल बकवास फिल्म के रिव्यू के लिए गठित किया, जिसने कई दृश्य हटवाए. उन्होंने कहा, ‘जब बात मुस्लिम कानून (ट्रिपल तलाक मुद्दे) की आती है तो प्रधानमंत्री मुस्लिम नेताओं से सुझाव लेना जरूरी नहीं मानते.’
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