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ऐम्स ने अपने छात्रों को सिखाने के लिए बनाया ये कमाल का सिमुलेट नाम दिया ब्रेन का गूगल मैप

नई दिल्ली: जब हम कहीं अनजानी जगह पर जाते हैं तो उस अनजानी जगह पर हमको अपनी मंजिल तक आसानी से पहुंचाने में गूगल मैप मदद करता है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा था कि आपके दिमाग का गूगल मैप बनाया जा सकता है. ऐसा ही कुछ काम नई दिलली के एम्स में हो […]

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ऐम्स ने अपने छात्रों को सिखाने के लिए बनाया ये कमाल का सिमुलेट नाम दिया ब्रेन का गूगल मैप
  • March 27, 2024 9:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली: जब हम कहीं अनजानी जगह पर जाते हैं तो उस अनजानी जगह पर हमको अपनी मंजिल तक आसानी से पहुंचाने में गूगल मैप मदद करता है. लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सोचा था कि आपके दिमाग का गूगल मैप बनाया जा सकता है. ऐसा ही कुछ काम नई दिलली के एम्स में हो रहा है. जी हां सही सुन रहे हैं आप.
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने ब्रेन के आठ सिमुलेटर तैयार किए हैं. यह एम्स में स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग के लिए बनाया गया है. यहां दिमाग की सर्जरी में दक्षता हासिल करने को लेकर अलग-अलग तरह के सिमुलेटर तैयार किए गए हैं.

सिमुलेटर से सर्जरी की बारीकियां सिखाई जाती है.

जब इसके बारे में एम्स से पूछा गया तो वहां के एक डॉक्टर ने बताया कि पहले जमाने में विद्यार्थियों को सिखाने के लिए सिर्फ एक ही तरीका था कि छात्र टीचर के साथ खड़े होक सर्जरी को सीखें. फिर सीख जाने के बाद यह छात्र छोटी छोटी सर्जरी करते थे. फिर धीरे धीरे आगे पढ़ते थे. इस पूरी प्रक्रिया में बहुत लम्बा समय लगता था. अब हमने जो सिमुलेटर तैयार किया हैं. इससे स्टूडेंट को सर्जरी से जुड़ी बारीकियां सिखाने आसानी हो रही है. इससे हमारे छात्र बिना पेसेंट पर काम किए ही सर्जरी करना सीख पा रहे हैं.

ऐसे की शुरुआत

एम्स के डॉक्टर टंडन ने कहा कि कोविड के समय उन्हे जरुरत महसूस हुई कि एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे सारे स्टूडेंट्स को सर्जरी सीखने का मौका मिले. हमारे यहां बहुत स्टूडेंट हैं जिसमें सर्जरी सीखने का मौका सभी को नहीं मिल पाता था. ऐसे में हमने अपने डॉक्टरों और छात्रों की टीम के साथ मिलकर यह सिमुलेटर बनाया. पहले हमने इस प्रोजेक्ट पर काम किया इसकी गलतियों को ठीक किया और छात्रों को सीखने का मौका दिया.

सिमुलेटर से अब सीखना हुआ आसान

डॉक्टर ने बताया कि इस प्रोसेस को सीखने के लिए उनके पास अब अलग अलग तरीके से डिजाइन किए हुए सिमुलेटर हैं. इसमें एंडोस्कोपी या स्पाइन एंडोस्कोपी सूचरिंग प्रैक्टिस एल्ट्रासोनोग्राफी के लिए अलग-अलग सिमुलेटर हैं. यह अलग अलग मॉडल होते हैं. इससे अलग-अलग प्रोसीजर प्रैक्टिस किए जा सकते हैं.इस सिमुलेटर की एक खासियत यह है कि टीजर छात्रों को यहीं पर उनकी गलतियां समझा देते हैं.ऐसे में जब हमारे स्टूडेंट पेशेन्ट की सर्जरी करते हैं तो वह गलतियां करने से बच जाते हैं.

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