Agriculture: केसर का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले कश्मीर का नाम आता है, क्योंकि केसर की खेती भारत के कश्मीर में ही शुरू हुई थी। लेकिन अब वैज्ञानिकों की मदद से कुछ पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों में केसर का उत्पादन हो रहा है। खास बात यह है कि यह नॉर्थ ईस्ट सेंटर […]
Agriculture: केसर का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले कश्मीर का नाम आता है, क्योंकि केसर की खेती भारत के कश्मीर में ही शुरू हुई थी। लेकिन अब वैज्ञानिकों की मदद से कुछ पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों में केसर का उत्पादन हो रहा है। खास बात यह है कि यह नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रिसर्च (NECTAR) के केंद्रित प्रयासों से ही संभव हुआ है। केसर की खेती सबसे पहली सफल खेती पूर्वोत्तर भारत में दक्षिणी सिक्किम के यांगांग गांव में सफल हुई थी। अब इसका विस्तार अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के कई इलाकों में भी किया जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर कृषि विभाग और सिक्किम बागवानी विभाग ने किसानों को उपज और कृषि के बारे में जानने के लिए एक बुनियादी प्रशिक्षण कार्यक्रम प्राप्त किया है. जानकारी के मुताबिक, कश्मीर के पंपोर और सिक्किम के यांगंग में जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां काफी मिलती-जुलती हैं. जिससे कि प्रशिक्षण में कामयाबी हासिल हो पाई. सिक्किम के गवर्नर गंगा प्रसाद ने पिछले साल सितंबर में इस बारे में बताया था कि इससे पहले सिक्किम सरकार ने परिणाम देखने के लिए अलग-अलग जगहों पर करीब डेढ़ एकड़ खेत में केसर उगाई थी, जिसके काफी अच्छे नतीजे मिले थे.
आपको बता दें, मिशन 2020 में सिक्किम विश्वविद्यालय की देखरेख में जमीन के एक छोटे से टुकड़े पर केसर की खेती शुरू की गई थी. सकारात्मक परिणाम के बाद राज्य के दूसरे हिस्से में खेती का प्रयास किया गया, जो काफी सफल भी रहा। प्रसाद ने यह भी कहा कि केसर की खेती की सफलता दर की बात करें तो यह करीब 80 फीसदी है, जो कि एक अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि सिक्किम की जलवायु केसर की खेती के लिए बहुत अनुकूल है। उन्होंने आगे कहा कि केसर की खेती पर चर्चा करने और विस्तार करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और राजभवन के अन्य अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।