UPA सरकार में नजरअंदाज किए जाते थे किसान, हम कर रहे इनकी तरक्की के लिए काम- राधा मोहन सिंह

केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने किसानों के बारे में बड़ा बयान देते हुए पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. राधामोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की तरक्की के लिए काम कर रही है. मोदी सरकार से पहले की सरकारों ने किसानों की समस्याओं को नजरअंदजा किया था.

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UPA सरकार में नजरअंदाज किए जाते थे किसान, हम कर रहे इनकी तरक्की के लिए काम- राधा मोहन सिंह

Aanchal Pandey

  • June 11, 2018 12:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने किसानों के मुद्दे पर यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. अंग्रेजी वेबसाइट हिन्दुस्तान टाइम्स से एसक्लूसिव बातचीत में राधामोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के पहले की सरकारों ने किसानों की समस्याओं को हमेशा से नजरअंदाज किया है. वहीं मोदी सरकार पिछले 4 साल से किसानों की तरक्की के लिए किसानों के हित में काम कर रही है. देश भर में किसानों के द्वारा आंदोलन के सवाल पर राधा मोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार 4 साल से किसानों की आत्महत्याओं को रोकने, उन्हें उनकी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने की दिशा में काम कर रही है.

राधामोहन सिंह ने कहा कि 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी सरकार ने किसानों के हितों के लिए राष्ट्रीय किसान कमीशन का निर्माण किया था. जिसका उद्देश्य किसानों के हितों के लिए काम करना, कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय को बढ़ाना था. 2014 में जब मोदी सरकार तब हमने देखा कि यूपीए सरकार के 10 साल के शासनकाल में किसानों की हितों वाली योजनाओं को ठंड़े बस्ते में डाल दिया गया है.

राधा मोहन सिंह ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने कृषि आय बढ़ाने और कृषि में सुधार के लिए मंत्रियों की एक समिति का गठन किया. जिसके सुझावों को हमने लागू करना शुरु किया. कृषि के लिए भूमि पट्टे पर जाने के लिए एक मॉडल अधिनियम पारित किया गया था, जो भूमि मालिकों के अधिकारों की सुरक्षा करते समय पट्टेदारों को संस्थागत क्रेडिट और अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करता है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों और ग्रामीण विकास के लिए नाबार्ड के तहत 2000 करोड़ का बजट पास किया.

बता दें कि इससे पहले राधा मोहन सिंह ने 01 जून को किसानों के देशव्यापी आंदोलन पर विवादित बयान दिया था. सिंह ने कहा था कि किसान मीडिया कवरेज पाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. जिसके बाद बिहार में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी.

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