नई दिल्ली, देश की सशस्त्र सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया है, युवाओं को सेना से जोड़ने और सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए इस स्कीम को लाया गया है, लेकिन अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सबसे ज्यादा यूपी और बिहार में इस योजना का विरोध हो रहा है, इसमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि वे सेना में भर्ती के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं फिर इतनी मेहनत करके अगर सिर्फ चार साल की नौकरी मिलेगी तो फिर इतनी मेहनत का क्या फायदा ?
अग्निपथ योजना’ को लेकर उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं हैं. वहीं, इसके खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर ट्रेन रूट्स भी प्रभावित हुए हैं.
अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती प्रक्रिया को लेकर दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पटना रूट के बक्सर में और दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन गया रूट के भभुआ में भारी संख्या में युवा रेलवे ट्रैक पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके मद्देनजर रेलवे ने एहतियातन इस रूट की ट्रेनों को जहां के तहां रोक दिया.
केंद्र की नई घोषित सेना भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने गुरुवार को बहुत ही आक्रमक रुख ले लिया. गुस्साए युवाओं ने योजना को वापस लेने की मांग करते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. हजारों प्रदर्शनकारियों ने हरियाणा के पलवल शहर को घेर लिया और डीसी कार्यालय और आवास पर हमला कर दिया. हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों को घायल किया और पुलिस वाहनों को भी फूंक दिया. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने कम से कम 5 पुलिस गाड़ियों को फूंका है.
अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में गोपालगंज में अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों ने उग्र प्रदर्शन किया, सिधवलिया में गोरखपुर-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगा दी गई, ट्रेन की बोगी पूरी तरह से जल गई है.
वहीं, नवादा में अग्निपथ आंदोलन के बीच उग्र प्रदर्शनकारियों ने जिला भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया गया, भाजपा कार्यालय को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है.
बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों पर नाराज हैं, उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा. फिर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है.
देश में अग्निपथ स्कीम को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र बेहद गुस्से में नजर आए. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए या इसमें बदलाव करने चाहिए. वहीं, अन्य लोगों का ये भी कहना है कि वे चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद वे लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए वे लोग सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है.
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