नई दिल्ली, देश भर में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच अब अग्निपथ का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. जहां दिल्ली के एडवोकेट विशाल तिवारी ने अदालत में हिंसक विरोध प्रदर्शन के विरुद्ध याचिका दर्ज़ की है. उनकी याचिका में केंद्र की अग्निपथ’ योजना के विरोध में जारी हिंसा की जांच के लिए […]
नई दिल्ली, देश भर में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच अब अग्निपथ का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. जहां दिल्ली के एडवोकेट विशाल तिवारी ने अदालत में हिंसक विरोध प्रदर्शन के विरुद्ध याचिका दर्ज़ की है. उनकी याचिका में केंद्र की अग्निपथ’ योजना के विरोध में जारी हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की गई है.
देश भर के कई राज्यों में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस कड़ी में कई शहरों में प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं. अब इस हिंसा की आंच सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुकी है. जहां दिल्ली के एडवोकेट विशाल तिवारी ने हिंसाल प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी टीम के गठन की मांग की है.
Plea moved in Supreme Court seeking directions to setup a Special Investigation Team (SIT) to enquire about the violent protests against the #AgnipathRecruitmentScheme launched by the Govt, and to enquire about the damage caused to the public property including that of Railways. pic.twitter.com/UOYDr9Xt0L
— ANI (@ANI) June 18, 2022
दूसरी ओर योजना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी के गठन की भी मांग याचिका में की गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार एडवोकेट ने अपनी याचिका में तीन मांग की है, जिसमें अदालत को आदेश देने के लिए कहा गया है कि केंद्र हिंसा को लेकर एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे, राज्यों को दावा कमिश्नर नियुक्ति की जाए जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दोषियों से दावा वसूलने करें, साथ ही इस योजना के राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना पर पड़ने वाले असर के आकलन के लिए भी एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने की मांग है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा सेना में अग्निपथ योजना के खिलाफ लगातार चौथे दिन पूरे देश में युवाओं का विरोध-प्रदर्शन जारी है। युवाओं का सबसे ज्यादा विरोध यूपी और बिहार में देखने को मिल रहा है। कई जगहों पर कल प्रदर्शन ने हिंसक रूप भी ले लिया और पथराव और आगजनी की खबरें सामने आई है। आज भी अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्से से विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
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