नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा सेना में शॉर्ट टर्म भर्ती की नई स्कीम अग्निपथ को लेकर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है. देश में अग्ननिपथ के विरोध की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. बिहार से शुरू हुई विरोध प्रदर्शन कि आग देश के 12 राज्यो में फैल चुकी है. एक तरफ […]
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा सेना में शॉर्ट टर्म भर्ती की नई स्कीम अग्निपथ को लेकर मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है. देश में अग्ननिपथ के विरोध की आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. बिहार से शुरू हुई विरोध प्रदर्शन कि आग देश के 12 राज्यो में फैल चुकी है. एक तरफ पूरे देश में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है. बता दें कि विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर स्कीम को लेकर सरकार को घेरने में लगी हुई है. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सत्ता में बैठी बीजेपी सरकार पर ट्वीट करते हुए कहा कि इस योजना से देश और युवाओं का कोई फायदा नहीं है, यह देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। फौज में इस तरह की संविदा सेवा लाना किसी के हित में नहीं हैं. मुल्क में सैन्य सुधार होते रहे हैं लेकिन कोई भी सुधार लाने से पहले हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा की जाती है. जिसकें बाद कोई फैसला लिया जाता है।
बता दें कि देशभर में अग्ननिपथ योजना के विरोध से सरकार घिरते हुए दिख रही है. इसी बीच हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा सैन्य बल में जो ये नई स्कीम लाई है, उस पर सरकार पर हमला करते हुए बोले कि कोई भी सैन्य सुधार पहले प्रायोगिक तौर पर लाया जाता जिससे उसका नतीजा देखा जा सके इसे तुरंत वापस ले सरकार. अग्निपथ योजना न देश और न युवाओं के हित में है। यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। फौज में इस तरह की संविदा सेवा लाना किसी के हित में नहीं। सैन्य सुधार होते रहे हैं लेकिन कोई भी सुधार लाने से पहले हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा की जाती है।
बता दें कि देशभर में अग्ननिपथ योजना के विरोध से सरकार घिरते हुए दिख रही है. इसी बीच दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार कहना चाहती है कि युवा 17.5 साल की उम्र में नौकरी पर आओ और फिर 21 साल की उम्र में वापस भाग जाऊ. 4 साल नौकरी करने के बाद सरकार युवा को लात मारकर भगा देगी और फिर 4 साल के बाद हमें नहीं पता क्या करोगे। खाना-पीना, जीना-मरना, हमें नहीं पता क्या करोगे.
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