CJI डीवाई चंद्रचूड़: नई दिल्ली। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। सीजेआई के रूप में शपथ लेने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ संसद परिसर पहुंचे, जहां पर उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। देश की सेवा […]
नई दिल्ली। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। सीजेआई के रूप में शपथ लेने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ संसद परिसर पहुंचे, जहां पर उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
शपथ लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की सेवा करना मेरी पहली प्राथमिकता है। हम भारत के सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वह सिर्फ शब्दों से नहीं बल्कि अपने काम से देश के लोगों को न्यायपालिका के प्रति भरोसा दिलाएंगे।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ ने शपथ लेने के बाद संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा, "देश की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। हम भारत के सभी नागरिकों की रक्षा करेंगे चाहे वह तकनीक या न्यायिक सुधारों के मामले में हो।" pic.twitter.com/D7rz2AvvpL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2022
बता दें कि पूर्व सीजेआई जस्टिस ललित का कार्यकाल बहुत छोटा था। वो मुख्य न्यायाधीश के पद पर 74 दिनों तक कार्यरत रहे। जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर को समाप्त हो गया और देश को अपना 50वां सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के रूप में मिल गया।
जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे। उनका कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 के बीच लगभग 7 साल तक रहा था। उनके नाम भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चीफ जस्टिस रहने का रिकॉर्ड दर्ज है। पिता के रिटायर होने के बाद अब 37 साल बाद जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ सीजेआई बने हैं।
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की है। इसके साथ ही वो ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्कूल समेत कई विदेशी लॉ स्कूलों में लेक्चर दे चुके हैं। डीवाई चंद्रचूड़ को साल 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था। पिछले काफी समय से वह सुप्रीम कोर्ट के जज थे।
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