उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ मेट्रो की मजेंटा लाइन के उद्घाटन के बाद एक बार फिर नोएडा आ रहे हैं. हालांकि, इस बार वे ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले यूथ फेस्टिवल में शिरकत करेंगे. खबर ही की सीएम योगी का 12 जनवरी को ग्रेटर नोएडा आना बिल्कुल तय है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ मेट्रो की मजेंटा लाइन के उद्घाटन के बाद एक बार फिर नोएडा आ रहे हैं. हालांकि, इस बार वे ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले यूथ फेस्टिवल में शिरकत करेंगे. खबर ही की सीएम योगी का 12 जनवरी को ग्रेटर नोएडा आना बिल्कुल तय है. गौतमबुद्ध नगर जिले प्रशासन के पास योगी आदित्यनाथ का पहुंच चुका है. सीएम योगी ग्रेटर नोएडा में 2 घंटा यानी दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक रहेंगे.
गौरतलब है कि सीएम योगी मेट्रो उद्घाटन के लिए नोएडा एक अंधविश्वास की लकीर को लांघकर आए थे जिसे लांघने की हिम्मत राज्य के पिछले कई सीएम नहीं कर पाए. नोएडा को लेकर यह अंधविश्वास है कि अगर उत्तर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है, तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है. इसी अंधविश्वास के चलते यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती ने यहां का दौरा करने से किनारा कर लिया था.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव साल 2012 से 2017 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे और पूरे 5 साल में एकबार भी नोएडा नहीं आएं. बीते साल 2007 से 2012 तक सूबे की मुख्यमंत्री रहीं मायावती भी अंधविश्वास के चलते इस चक्र को तोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं थीं. वहीं समाजवादी पार्टी के जनक मुलायम सिंह यादव, BJP के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह भी बतौर सीएम इस मिथक को तोड़ने की जहमत नहीं उठा पाए. उस दौरान उनकी रैलियां नोएडा को छोड़कर आसपास के जिलों गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और मथुरा में आयोजित की जाती थीं.
नोएडा ही नहीं बल्कि इस मंदिर, शहर और पहाड़ी से जुड़ा है मुख्यमंत्रियों के सत्ता जाने का मिथक