लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव में परचम लहराने को तैयार अखिलेश, योगी की बढ़ी टेंशन!

लखनऊ/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में जबरदस्त सफलता प्राप्त करने के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव की नजर विधानसभा चुनाव पर है. राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले ये उपचुनाव पक्ष और विपक्ष के लिए काफी अहम माना जा रहा है. हालांकि 10 […]

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लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव में परचम लहराने को तैयार अखिलेश, योगी की बढ़ी टेंशन!

Vaibhav Mishra

  • July 12, 2024 4:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

लखनऊ/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में जबरदस्त सफलता प्राप्त करने के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव की नजर विधानसभा चुनाव पर है. राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले ये उपचुनाव पक्ष और विपक्ष के लिए काफी अहम माना जा रहा है. हालांकि 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कब कराए जाएंगे, इसे लेकर चुनाव आयोग की ओर से अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. मगर इसे लेकर अब उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. सभी राजनीतिक दलों ने उपचुनाव को लेकर अपनी-अपनी तैयारियों शुरू कर दी हैं.

लोकसभा चुनाव के बाद हाई है सपा का जोश

बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद यूपी में खाली हुई 10 विधानसभा सीटों पर बीजेपी और सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की सीधी टक्कर है. मालूम हो कि अभी हाल में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने राज्य में सबसे ज्यादा 37 सीटों पर जीत हासिल की है. इसके साथ ही सपा अब लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद सपा का जोश हाई है. वहीं आम चुनाव में मिले झटके बाद अब बीजेपी और सीएम योगी की टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही है. एनडीए गठबंधन में शामिल- निषाद पार्टी और आरएलडी ने उपचुनाव के मद्देनजर बीजेपी पर सीटों को लेकर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है.

2022 में इन विधानसभा सीटों पर कौन जीता था?

राज्य में 2022 हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो इन 10 सीटों में से 5 पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. वहीं एक सीट आरएलडी के खाते में गई थी. इसके अलावा तीन सीट बीजेपी को और एक सीट निषाद पार्टी मिली थी. गौरतलब है कि इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव में हार जीत से सदन में समाजवादी पार्टी और भाजपा को फायदा तो नहीं होगा, लेकिन आम चुनाव के नतीजों के बाद इसके मायने अब बढ़ गए हैं. जिसे देखते हुए सत्ताधारी भाजपा खेमे ने उपचुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं.

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