जस्टिस चेलमेश्वर के बाद सीनियर जज जोसफ कुरियन ने कहा कि सेवानिवृत होने के उपरांत वह सरकार के कोई पद को ग्रहण नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया और न्यायलय दोनों ही लोकतंत्र की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं.
नई दिल्ली. जस्टिस चेलमेश्वर के रिटारयरमेंट वाले बयान के बाद जस्टिस जोसफ कुरियन का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने सेवानिवृत होने के बाद सरकार के द्वारा किसी भी सरकारी पद को लेने से मना किया है. वहीं न्यायधीश जोसफ ने जूडिशरी को वॉचडॉग बताया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सुरक्षा में मीडिया और अदालत वॉचडॉग का काम करते हैं. किसी भी संवैधानिक राष्ट्र में इसकी खास अहमियत होता है.
छात्रों को संबोधित कर रहे जस्टिस जोसफ कुरियन ने इन बातों का जिक्र किया. न्यायधीश जोसफ ने कहा कि मीडिया और न्यायलय दोनों ही लोकतंत्र की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं. जब भी संवैधानिक खतरा हो तो इन्हें अवश्य बोलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘भौंकना मालिक को सावधान करना होता है लेकिन कई बार भौंकने के बाद भी जब मालिक सावधान न हो तो कुत्ते के पास काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता.’
बता दें इससे पहले न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने हार्वर्ड क्लब नामक संस्था के कार्यक्रम में कहा था कि 22 जून को सेवानिवृत होने के बाद वह सरकार से कोई पद (नियुक्ति) नहीं लेंगे. उन्होंने कहा था कि मैं इसके खिलाफ हूं. इसलिए वो रिटायर होने के बाद किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नहीं करेंगे. बताते चले हैं जस्टिस जोसफ कुरियन, जस्टिस चेलमेश्वर समेत चार सीनियर जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज पर सवाल उठाए थे. पहली बार वरिष्ठ जजों के द्वारा 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेस कर अदालत के कामकाज पर असतुंष्टी और चिंता जाहिर की थी.