नई दिल्ली: सरयू में स्नान के बाद घाटों और राम की पैड़ी पर श्रद्धालुओं को चंदन का तिलक लगाने की परंपरा है. दरअसल माथे के साथ चेहरे पर भी श्री राम लिखने का चलन बढ़ गया है, और यहां ये काम करने वाले ज्यादातर पुजारी मंगलवार को राम मंदिर चले गए है. ऐसा इसलिए क्योंकि […]
नई दिल्ली: सरयू में स्नान के बाद घाटों और राम की पैड़ी पर श्रद्धालुओं को चंदन का तिलक लगाने की परंपरा है. दरअसल माथे के साथ चेहरे पर भी श्री राम लिखने का चलन बढ़ गया है, और यहां ये काम करने वाले ज्यादातर पुजारी मंगलवार को राम मंदिर चले गए है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां मौजूद भीड़ अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ने के लिए बेताब दिखी रही है. उधर हनुमानगढ़ी पर भक्तों की भीड़ बढ़ने पर दोपहर से दर्शन के लिए एक ही रूट की व्यवस्था प्रभावी कर दी गई है.
रामलला की नई मूर्ति की स्थापना के बाद मंगलवार को नव्य राम मंदिर के आसपास का नजारा बदला-बदला नजर आया है. बता दें कि अधिकांश धार्मिक छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों का अपना डेरा यहीं बना लिया हैं. अब अधिकांश भिक्षु चंदन का तिलक लगाते हैं, और ऐसे ही एक पुजारी सुदर्शन तिवारी ने बताया कि आज सरयू घाट और राम की पैड़ी पर ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे.
इसी बिच ये जानकारी मिलने पर कि इस महीने की शुरुआत से ही राम मंदिर के बाहर भक्तों की कतार लगी हुई है. हालांकि ज्यादातर पुजारी यहां आ गए है, और राम मंदिर के सामने रैंप पर राम मंदिर और रामलला की छोटी प्रतिकृतियां और भगवा झंडे बेचने वालों की संख्या भी काफी बढ़ गई है, कुछ युवाओं ने रामलला की तस्वीरें छपी टी-शर्ट बेचते हुए नज़र आ रहे है, और इस तरह आसपास का नजारा बदला हुआ नज़र आ रहा है.
दरअसल उधर हनुमानगढ़ी के आसपास भी सुबह से ही बहुत भीड़ हो गई है, और मंगलवार होने के चलते वैसे भी इस दिन श्रद्धालुओं का जमावड़ा बढ़ता दिख रहा है. रामलला के साथ हनुमंतलला को भी श्रद्धा निवेदित करने की भीड़ मची , और ऐसे में दोपहर 1 बजे से हनुमानगढ़ी जाने वाले प्रमुख मार्ग के हाट बैरियर पर एकल मार्ग व्यवस्था प्रभावी कर दी गई, फिर इधर से मंदिर की ओर पैदल श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है. जिसे निकासी मार्ग कर दिया गया है, और दर्शन के लिए भक्तों को हनुमानगढ़ी चौराहा से मंदिर की ओर भेजा जा रहा है.
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