आखिर क्यों 25 जुलाई को ही चुना जाता है देश का राष्ट्रपति, ये है बड़ा कारण

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि 15 जून को अधिसूचना जारी होगी और 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग होगी। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो जायेगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार अगले राष्ट्रपति […]

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आखिर क्यों 25 जुलाई को ही चुना जाता है देश का राष्ट्रपति, ये है बड़ा कारण

Pravesh Chouhan

  • June 9, 2022 4:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि 15 जून को अधिसूचना जारी होगी और 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग होगी। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो जायेगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 62 के अनुसार अगले राष्ट्रपति का चुनाव मौजूदा कार्यकाल के खत्म होने से पहले होना जरूरी है।

नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को क्यों शपथ लेते हैं?

हर पांच साल में 25 जुलाई को देश को एक नया राष्ट्रपति मिलता है। यह सिलसिला 1977 से चल रहा है जब फरवरी 1977 में तत्कालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद का उनके कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था।

राष्ट्रपति के निधन के बाद उपराष्ट्रपति बीडी जट्टी कार्यवाहक अध्यक्ष बने। 25 जुलाई 1977 को नए राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति बने। तब से हर पांच साल में, राष्ट्रपति का चुनाव 25 जुलाई को होता है।

4809 वोटर करेंगे मतदान

राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में 4,809 वोटर मतदान करेंगे। साथ ही वोटिंग के लिए विशेष इंक वाला पेन इस्तेमाल किया जायेगा। राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे। जो 1, 2, 3 लिखकर अपनी पसंद बताएंगे। अगर वो अपनी पसंद नहीं बतायेंगे, तो वो वोट रद्द हो जायेगा.

राष्ट्रपति को चुनने के लिए लोकसभा में 545 और राज्यसभा में 233 सदस्य हैं, हालांकि लोकसभा में 03 और राज्यसभा में फिलहाल 16 जगहें खाली हैं, लेकिन जुलाई में जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होगी तब तक ये सीटें उपचुनाव और राज्य सभा के लिए होने वाले चुनाव के जरिए भर चुकी होंगी। इसके अलावा सभी राज्यों के कुल 4 हजार 33 विधायक भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालते हैं, इस तरह से राष्ट्रपति चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 4 हजार 809 होगी, चूकि जम्मू कश्मीर में इस समय विधानसभा का चुनाव नहीं हुआ है इसलिए यहाँ के विधायकों (89) की संख्या इसमें से घटा दी गई है।

राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा होता हैं।

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