नई दिल्ली। रेयाना बरनावी स्पेस एंड टेक्नोलॉजी फील्ड की पढ़ाई करने वाली पहली महिला है। बता दे, कि इस्लामिक देश सऊदी अरबिया में इस तरह के फील्ड में महिलाओं की रुचि अधिक नहीं होती है। इसके बावजूद भी उन्होंने कामयाबी का शिखर हासिल किया है। यह देख अनुमान लगाया जा रहा है कि आनेवाले दिनों में यहां की तस्वीर में बदलाव आ सकता है।
यह बात तो साफ़ है कि धार्मिक रूप से सऊदी अरब बेहद कट्टर देश है। लेकिन इस नए जमाने में देश लगातार बदलावों के दौर से गुजर रहा है। इसी के चलते सबसे हैरानी वाली बात तो यह है कि पहली बार सऊदी अरबिया एक महिला एस्ट्रोनॉट को स्पेस मिशन पर भेजने को तैयार है। वही बता दे, रेयाना बरनावी के साथ एक पुरुष अंतरिक्ष यात्री भी मौजूद होंगे। मिली जानकारी के मुताबिक दोनों इसी साल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरेंगे। वही दोनों जिस स्पेस यान में सवार होंगे, उसकी लॉन्चिंग अमेरिका से होने वाली है।
खबरों के अनुसार, सऊदी अरब के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने इस फैसले को देश में हुए बदलाव के कारण विकास से जोड़ रहे है। वही संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी भी इस महीने के आखिर में स्पेस के लिए उड़ान भरते नज़र आएंगे। बता दे, वह अंतरिक्ष में एक साथ छह महीने बिताने वाले देश के पहले एस्ट्रोनॉट होंगे। दरअसल पहले भी UAE एक मेल एस्ट्रोनॉट हज्जा अल मंसूरी को साल 2019 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजा गया है। वह तब आठ दिन रहने के बाद लौट आए थे। साल 1985 में सऊदी के युवराज सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज भी अमेरिका के स्पेस मिशन में अंतरिक्ष की उड़ान भर चुके है, और पहले अरब मुस्लिम एस्ट्रोनॉट बने थे।
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