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आख़िर कैसे IITian से हमलावर बना मुर्तजा , जानिए इनसाइड स्टोरी

लखनऊ: बीते साल उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर हमले की वारदात को अंजाम दिया गया था। इस मामले के आरोपी मुर्तजा अब्बास को अदालत ने सजा-ए-मौत का ऐलान किया है। बताते चलें, बीते काफ़ी वक़्त से मुर्तजा जेल में था और उस पर UAPA के तहत मामला दर्ज़ था।अब्बास मुर्तजा को एक हमलावर ही नहीं, आतंकी माना गया था। आज सोमवार को मुर्तजा अब्बास की सुनवाई हुई। सुनवाई के लिए मुर्तजा अब्बास को NIA लाया गया। जहाँ पर अदालत ने उसे सज़ा-ए-मौत का फैसला सुनाया। जानकारी के लिए बता दें इस शख्स ने साल 2022 के 3 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया था।

 

हमलावर मुर्तजा को मौत की सज़ा

मिली ख़बर के मुताबिक 3 अप्रैल 2022 को आरोपी मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में घुसकर धारदार हथियार के ज़रिए पीएसी के जवान पर हमला किया था। इसके बाद पुलिस ने मुर्तजा के खिलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया था। आरोपी मुर्तजा ने जिस पीएसी जवान पर हमला किया उसने बताया कि मुर्तजा अचानक से आया और उसने बांके से ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया। यही नहीं, इस दौरान आरोपी ने राइफल भी छीनने की कोशिश की। बीच-बचाव में आए दूसरे जवान पर भी आरोपी मुर्तजा अब्बासी ने हमला बोल दिया था।

 

आरोपी ने की है इंजीनियरिंग की पढ़ाई

आपको बता दें, इस मामले के मुजरिम का पूरा नाम अहमद मुर्तजा अब्बासी है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने साल 2015 में मुंबई आईआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग की थी। जिस वक़्त आरोपी मुर्तजा को गिफ्तार किया गया था उस वक़्त उसके पास से लैपटॉप, पैनकार्ड और एयरलाइंस का टिकट ज़ब्त किया गया था। ख़बरों के मुताबिक़, आरोपी मुर्तजा गोरखपुर का ही रहने वाला है।

आख़िर कैसे IITian से हमलावर बना मुर्तजा

पिता ने कहा- बेटे की ज़हनी हालत ठीक नहीं

मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने आरोपी मुर्तजा से कई कई सवाल किए थे। इस दौरान उसने एक ही बात का ज़िक्र किया था कि वह मानसिक तौर पर बीमार है। आरोपी के पिता का भी यही कहना था कि मुर्तजा की ज़हनी हालत ठीक नहीं है। वह अकेले नहीं रह सकता। मुर्तजा के पिता ने पत्रकारों को जानकारी दी थी कि उसका बेटा बचपन से ही बीमार था। साल 2018 आते-आते मुर्तजा ने ख़तरनाक रवैया अख़्तियार कर लिया। वह बंद कमरे में पड़ा रहता था। आपको बता दें, मुर्तजा के पास से कुछ संदिग्ध कागज़ात भी बरामद हुए थे।

 

60 दिन की सुनवाई के बाद फ़ैसला

बताते चलें, इस मामले पर 60 दिन की सुनवाई के बाद फ़ैसला सुनाया गया है। इसमें IPC की धारा 121 के तहत फाँसी की सजा और 307 जो पुलिस पर हमला किया उसके लिए उम्र कैद की सज़ा दी गई है। इस मामले में अदालत ने पेश किए गए तमाम सबूतों को सही माना है।

 

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Amisha Singh

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