नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है। वहीं सीपीआई, टीएमसी और एनसीपी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने दो क्षेत्रीय दलों का क्षेत्रीय दल का दर्जा वापस ले लिया है। राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय राष्ट्र समिति पार्टी से क्षेत्रीय दल का दर्जा वापस ले लिया है।
आपको बता दें, राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी या नेशनल पार्टी कहते हैं। जैसे: भाजपा और कांग्रेस। राजनीतिक जगत में इन्हें सबसे बड़ी पार्टी माना जाता है, लेकिन देश में कुछ छोटी पार्टियां ऐसी भी हैं जिन्हें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था। इसी में से एक थी कम्युनिस्ट पार्टी। आपको बता दें, कम्युनिस्ट पार्टी से आज वह दर्जा छीन लिया गया है। कुछ दल ऐसे हैं जिन पर अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर बहस चल रही है, लेकिन वे केवल क्षेत्रीय हैं। जैसे: तमिलनाडु से DMK, आंध्र प्रदेश से YSRCP, बिहार से RJD और तेलंगाना से TRS।
आपको बता दें, चुनाव आयोग जिसे इलेक्शन कमीशन भी कहा जाता है। इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के लिए नियम जारी किए गए हैं। इन नियमों के तहत ही कोई पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी बन जाती है। वैसे आपको बता दें, अगर यदि नियम का उल्लंघन किया जाता है या पालन नहीं किया जाता है, तो राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी रद्द किया जा सकता है।
1. चुनाव आयोग के नियम में कहा गया है कि एक राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल बनने के लिए कम से कम चार राज्यों में मान्यता प्राप्त करनी होगी।
2. उस पार्टी को कम से कम 4 राज्यों में हुए लोकसभा चुनावों में कम से कम 6% वोट प्राप्त करने चाहिए।
3. अगर पार्टी का वोट शेयर 3 प्रतिशत से कम है, तो उसके पास तीन सीटें होनी चाहिए।
लगे हाथ यह भी जान लें कि राज्य पार्टी या स्टेट पार्टी किसे कहा जाता है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय पार्टी 4 राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने की भी शर्त है। लेकिन किसी राजनीतिक दाल को राज्य पार्टी का दर्जा कैसे मिलता है? और राज्य पार्टी बनने के लिए क्या शर्त है? तो आइए आपको बताते हैं कि क्षेत्रीय पार्टी बनने के लिए क्या शर्तें ज़रूरी है:
1. अगर कोई पार्टी लोकसभा राज्य या विधानसभा चुनाव में 8% वोट जीतती है, तो उसे क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
2. अगर किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में 6% वोट मिलते हैं और उस पार्टी को 2 सीटें मिलती हैं। फिर भी उसे राज्य की पार्टी का दर्जा प्राप्त है।
3. अगर कोई पार्टी विधानसभा चुनाव में 3 सीटें जीतती है। भले ही आपका वोट फ़ीसद 6% से कम हो। फिर भी उसे राज्य की पार्टी का दर्जा प्राप्त है।
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