नई दिल्ली. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी हुकूमत ( Afghanistan Crisis ) है. देश में तालिबानी सत्ता काबिज होने के बाद से ही लोगों का बुरा हाल है. कई लोगों ने तालिबानी दहशत के चलते अफ़ग़ानिस्तान ही छोड़ दिया है, लेकिन जो लोग अभी भी अफ़ग़ानिस्तान में है उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. […]
नई दिल्ली. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी हुकूमत ( Afghanistan Crisis ) है. देश में तालिबानी सत्ता काबिज होने के बाद से ही लोगों का बुरा हाल है. कई लोगों ने तालिबानी दहशत के चलते अफ़ग़ानिस्तान ही छोड़ दिया है, लेकिन जो लोग अभी भी अफ़ग़ानिस्तान में है उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मौजूदा हालात यह है कि अफ़ग़ानिस्तान में लोग भुखमरी के शिकार हो रहे हैं जिसके चलते लोग अपनी बेटियों तक को बेचने पर मजबूर हो गए हैं. ‘
कोरोना, सूखा और तालिबानी क्रूरता झेल रहे अफ़ग़ानिस्तान में अब लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. बीते हफ्ते वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम ने यह चेतावनी दी थी कि आने वाले समय में अफ़ग़ानिस्तान की करीब ढाई करोड़ आबादी को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है. और अफगानिस्तान के गरीब इलाकों में वाक़ई लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति में खुद का और अपने परिवार का पेट पालने के लिए लोग अपनी बच्चियों तक को बेच दे रहे हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, फाहिमा नाम की महिला ने बताया कि उनके पति ने अपनी 6 साल और डेढ़ साल की बेटियों को बेच दिया है. उनलोगों के पास खाने के लिए पैसो की किल्लत थीम जिस वजह से उन्हें ऐसा करना पड़ा. फाहिमा बताती हैं कि उनके पति ने उनसे कहा कि उनके पास बेटियों को बेचने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी सत्ता काबिज़ होने के बाद से भुखमरी की स्थिति आ गई है. हालांकि, अब इससे निपटने के लिए तालिबानी सरकार ने कुछ योजनाएं लागू की है. इस योजना के बारे में तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि काम के बदले अनाज की इस योजना के तहत अभी सिर्फ राजधानी काबुल में 40 हजार पुरुषों को काम दिया जाएगा. काबुल में मजदूरों को नहरें खोदने और बर्फ के लिए खंदकें बनाने जैसे काम दिए जाएंगे. इस योजना का मकसद उन लोगों को काम देना है जिनके पास फिलहाल कोई काम नहीं है.