वाराणसी, ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को उनके पद से हटा दिया गया है. उन पर सर्वे के दौरान जानकारी लीक करने का आरोप भी लगा है. साथ ही, ये भी कहा गया है कि उनकी तरफ से एक प्राइवेट कैमरामैन रखा गया था जो […]
वाराणसी, ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को उनके पद से हटा दिया गया है. उन पर सर्वे के दौरान जानकारी लीक करने का आरोप भी लगा है. साथ ही, ये भी कहा गया है कि उनकी तरफ से एक प्राइवेट कैमरामैन रखा गया था जो मीडिया को सर्वे से जुड़ी जानकारियां दे रहा था. उनके व्यवहार को भी गैर जिम्मेदाराना बताया गया है.
अपने हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि मैंने जिस फोटोग्राफर को रखा उसने मुझे धोखा दिया, मैंने जिस पर विश्वास किया उससे मुझे धोखा मिला, इसमें अब मैं क्या कर सकता हूँ. मिश्रा ने कहा कि उन्होंने अभी तक ऑर्डर नहीं देखा है.
अजय मिश्रा ने कहा, “मुझे जानना होगा, देखना होगा, विशाल सिंह की शिकायत पर मेरे खिलाफ कार्रवाई हुई है. विशाल सिंह से मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी, उनकी शिकायत के बाद ही मुझे हटाया गया. विशाल जी ने जो किया वो तो उनका दिल ही जनता होगा. मैं अपने काम से संतुष्ट हूँ, मैंने कोई गलत काम नहीं किया. मेरे सीधेपन का फायदा उठाया गया है, मैंने और विशाल जी ने मिलकर कल रात 12 बजे रिपोर्ट बनाई थी, मुझे अंदाजा ही नहीं था कि मेरे पीठ पीछे ये षड्यंत्र रचा जा रहा है. मेरा ईश्वर जानता है कि मैंने कोई पक्षपात नहीं किया है.”
कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अजय प्रताप सिंह और विशाल सिंह अपने पद पर बने रहेंगे, सिर्फ अजय कुमार को कोर्ट कमिश्नर के पद से हटाने का निर्णय लिया गया है. अब रिपोर्ट दाखिल करने का काम अजय प्रताप और विशाल सिंह करेंगे. विशाल सिंह रिपोर्ट तैयार करेंगे और अजय प्रताप सिंह सहायक कोर्ट कमिश्नर के रूप में उनकी मदद करेंगे. बता दें कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से लगातार आरोप लगाया जा रहा था कि कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा पक्षपात कर रहे हैं. इससे पहले भी उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग हुई थी. अब वाराणसी कोर्ट ने उनके खिलाफ कड़ा फैसला लिया है.
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