मुंबई। आदिपुरुष फिल्म को लेकर जारी विवाद के बीच मुंबई पुलिस ने स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुंतशिर को सुरक्षा प्रदान की है. इससे पहले मुंतशिर ने विवाद के चलते अपनी जान को खतरा बताया था. उन्होंने मुंबई पुलिस ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी, बता दें कि, जिसके बाद अब उन्हें पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की […]
मुंबई। आदिपुरुष फिल्म को लेकर जारी विवाद के बीच मुंबई पुलिस ने स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुंतशिर को सुरक्षा प्रदान की है. इससे पहले मुंतशिर ने विवाद के चलते अपनी जान को खतरा बताया था. उन्होंने मुंबई पुलिस ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी, बता दें कि, जिसके बाद अब उन्हें पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई है. फिल्म के संवादों को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. संत समाज से लेकर राजनीति और कला क्षेत्र से जुड़े लोग फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं.
Mumbai Police provides security to dialogue writer of #Adipurush, Manoj Muntashir after he sought a security cover citing a threat to his life. Police say that they are investigating the matter.
(File photo) pic.twitter.com/1WiWiOhclo
— ANI (@ANI) June 19, 2023
उधर, रामायण सीरियल के ‘लक्ष्मण’ सुनील लहरी ने आदिपुरुष फिल्म को देखने के बाद कहा कि इस फिल्म में लॉजिक लगाने की जरूरत ही नहीं है. अगर हम रामायण की कहानी और अपने दिमाग को अलग कर दें तो ये सिर्फ टाइम पास है और कुछ नहीं. मैं सच कहूं तो ये फिल्म बेहद शर्मनाक है. अगर फिल्म के निर्माता कहते हैं कि हमने रामायण को ध्यान में रखकर इसे बनाया है तो ये पूरी तरह बकवास है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि फिल्म मेकर्स ने ऐसा क्यों किया. कुछ अलग दिखाने का मतलब अपने कल्चर और अपनी संस्कृति के साथ खेलना नहीं होता है.
सुनील लहरी ने आगे कहा कि आदिपुरुष के निर्माताओं ने अपनी फिल्म में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि ये पूरी वाल्मिकी पर लिखी कहानी पर आधारित है. अगर आप वाल्मिकी रामायण को देखकर फिल्म बना रहे हो तो आपने हर जगह देखा और पढ़ा होगा कि रावण पुष्पक विमान से सीता माता का हरण करने के लिए आता है, लेकिन यहां पर वो चमगादड़ के ऊपर आता है. इसके बाद लक्ष्मण और मेघनाद की जंग हवा में हुई थी, लेकिन इन्होंने उसे पानी के अंदर दिखाया है. फिल्म में किसी भी किरदार को सही तरीके से नहीं दिखाया गया है. पता नहीं क्यों इन्होंने ऐसा दिखाया है.
लहरी ने कहा कि यह पूरी तरह से एक फैंटेसी फिल्म है, बिल्कुल सुपहीरो वाली. बच्चे इसे देख सकते हैं लेकिन ये फिल्म उन्हें भी मिसगाइड करेगी. अगर आदिपुरुष रामायण पर बेस्ड ना होकर किसी सुपरहीरो वाली कहानी पर बनी फिल्म होती तो एक पल के लिए चल भी जाती. लेकिन इन्होंने रामायण के नाम पर कुछ भी बना दिया है. फिल्म पर 600 करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए गए, इतने पैसे में तो पांच फिल्में बनाईं जा सकती थीं. फिल्म की कहानी किसी को बताने लायक नहीं है.