Adani:अडानी – हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, सभी पक्ष 7 नवंबर तक दलीलें दाखिल करें

नई दिल्लीः अडानी – हिंडनबर्ग मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनो पक्षों को आदेश दिया है कि सात नवंबर को अपना – अपना पक्ष रखें। बता दें कि एक याचिका के जरिए आज सुप्रीम कोर्ट में अडानी – हिंडनबर्ग मामले को उठाया गया था। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से […]

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Adani:अडानी – हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, सभी पक्ष 7 नवंबर तक दलीलें दाखिल करें

Sachin Kumar

  • November 6, 2023 7:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः अडानी – हिंडनबर्ग मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनो पक्षों को आदेश दिया है कि सात नवंबर को अपना – अपना पक्ष रखें। बता दें कि एक याचिका के जरिए आज सुप्रीम कोर्ट में अडानी – हिंडनबर्ग मामले को उठाया गया था। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया था कि मामला 28 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया गया था लेकिन लगतार इसे टाला जा रहा था। उन्होंने अदालत से इस मामले को जल्द लिस्टिंग और सुनवाई की मांग की थी। जिसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अडानी – हिंडनबर्ग मामलें में सभी पक्षों को बुधवार तक अंतिम दलीलें दाखिल करने को कहा है।

सेबी भी कर रही मामले की जांच

जानकारी दें दे कि इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एंव विनिमय बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल कर अवगत कराया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़ी 24 जांचों में से 22 जांच पूरी हो चुकी है। वहीं दो मामले में और जांच की जरुरत है। न्यायालय के 2 मार्च 2023 के आदेशों के निर्देशों के अनुपालन के तहत सेबी 24 मामलों की जांच कर रही है। बता दें कि इसी साल मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच करने के लिए सेबी को तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया था।

6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था

शीर्ष अदालत ने 2 मार्च को अडानी समूह की कंपनीयों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से उठे सवाल पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। समिति में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायामूर्ती एएम सप्रे की अध्यक्षता में 6 सदस्य शामिल थे। उच्चतम न्यायालय ने तब सेबी से दो महीने के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट उस समय हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित एक समिति का गठन का भी शामिल था।

बता दें कि इसी साल 24 जनवरी को अमेरिक शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें कहा गया था कि गलत तरीके से शेयर के दाम बढ़ाए गए हैं। जिसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली है। जिससे अभी तक कई कंपनियां नहीं उभर पाई हैं।

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