नई दिल्ली: आज यानी शुक्रवार (24 नवंबर) को हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप मामले (Adani-Hindenburg Case) की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hinenburg Report) में किए गए दावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य बयान के तौर पर नहीं मान सकते हैं। कोर्ट ने आगे यह भी […]
नई दिल्ली: आज यानी शुक्रवार (24 नवंबर) को हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप मामले (Adani-Hindenburg Case) की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hinenburg Report) में किए गए दावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य बयान के तौर पर नहीं मान सकते हैं। कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता परखने का कोई साधन नहीं है। इस कारण उसने SEBI से इस मामले की जांच करने को कहा है। बता दें कि सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Adani-Hindenburg Case) को तथ्यात्मक तौर से सही मानने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सेबी इस मामले की जांच कर रही है। लेकिन याचिका दायर करने वालों का कहना है कि बाजार नियामक सेबी की गतिविधियां संदिग्ध हैं, क्योंकि उनके पास वर्ष 2014 से ही पूरी डिटेल है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि खुफिया निदेशालय (DRI) ने 2014 में सेबी अध्यक्ष के साथ पूरी डिटेल शेयर किए थे।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता से सेबी (SEBI) की जांच पर संदेह करने वाले साक्ष्य पर सवाल किया और पूछा कि सबूत कहां हैं। इसके जवाब में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सेबी ने जांच पूरी कर ली है, लेकिन खुलासा नहीं किया है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सेबी की जांच से पहले ही उसका आंकलन कैसे कर सकते हैं।
सेबी के सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि सेबी के सदस्यों के खिलाफ दावा करने वाला आवेदन दायर किया गया है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सेबी के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर की गई थी, जिसकी जांच पूरी करने में केवल 10 दिनों की देरी हुई है।
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बता दें कि 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी की सभी कंपनियों से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इस रिपेार्ट को पूरी तरह से झूठ कहा था। लेकिन इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में तेजी से गिरावट आई थी। इसके अलावा इस दौरान इनकी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ था। उसके बाद यह मामला (Adani-Hindenburg Case) सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां अब इसकी सुनवाई चल रही है।