नई दिल्ली: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च मामले में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की. सर्वोच्च न्यायलय ने इस सुनवाई के दौरान बाजार नियामक सेबी(SEBI) से जवाब मांगा है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को हुई कार्रवाई के दौरान सेबी से कहा है कि वो कोर्ट को बताए […]
नई दिल्ली: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च मामले में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की. सर्वोच्च न्यायलय ने इस सुनवाई के दौरान बाजार नियामक सेबी(SEBI) से जवाब मांगा है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को हुई कार्रवाई के दौरान सेबी से कहा है कि वो कोर्ट को बताए कि वो भविष्य में निवेशकों को किस तरह से सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.
Supreme Court says that the SEBI's response contains existing regulatory framework and the need for putting into place a robust mechanism to protect investors
— ANI (@ANI) February 10, 2023
इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सेबी कोर्ट को दिखाए कि उसके पास मौजूदा वक्त में इसे लेकर क्या सिस्टम है. साथ ही कहा गया कि सेबी नियमों को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं इसपर भी जवाब दे. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से सोमवार (13 फरवरी) को इन सभी सवालों का जवाब देने को कहा है.
मेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से भारी नुकसान होने के बाद अडानी ग्रुप ने अब कोर्ट का रुख किया है. नुकसान और छवि को ठेस पहुंचने के बाद गौतम अडानी अब आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. बदले की तैयारी में अब अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी ने शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है. इस दिशा में अब उन्होंने बड़े कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में अब अडानी ने एक बड़ी और महंगी अमेरिका लॉ फर्म (US Law Firm) को हायर भी कर लिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए गौतम अडानी ने अब अमेरिकी लीगल फर्म वॉचटेल (Wachtell) को चुना है. दुनिया भर में इस फार्म का बहुत नाम है और इसकी सबसे ज्यादा चर्चा विवादित मामलों को लेकर की जाती है. यह फार्म अपनी लीगल फाइट करने को लेकर मशहूर रही है. अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद निवेशकों के सेटिंमेंट पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव और उन्हें फिर से आश्वस्त करने की दिशा में अडानी ने अब ये बड़ा क़दम उठाया है.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद