नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च के द्वारा अडानी समूह को लेकर जारी रिपोर्ट को आए एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन अभी भी बीच-बीच में इसकी चर्चा होती रहती है। अभी फिर यह रिपोर्ट सुर्खियों में हैं क्योंकि इस रिपोर्ट के चलते अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज को पिछली तिमाही […]
नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च के द्वारा अडानी समूह को लेकर जारी रिपोर्ट को आए एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन अभी भी बीच-बीच में इसकी चर्चा होती रहती है। अभी फिर यह रिपोर्ट सुर्खियों में हैं क्योंकि इस रिपोर्ट के चलते अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज को पिछली तिमाही में SEBI से 2 नोटिस मिले। इसकी जानकारी खुद कंपनी ने दी है।
SEBI से कारण बताओ नोटिस मिलने की जानकारी खुद अडानी एंटरप्राइजेज कंपनी ने दी है। कंपनी ने गुरुवार को मार्च तिमाही के परिणाम की जानकारी शेयर बाजारों को साझा की। साथ ही साथ कंपनी ने SEBI के नोटिसों की जानकारी भी दी। कंपनी ने बताया कि SEBI से उसे जो कारण बताओ नोटिस मिले हैं, वे कथित तौर पर लिस्टिंग समझौते के सेबी के प्रावधानों व डिसक्लोजर की आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं करने के चलते दिए है।
साथ ही कंपनी ने यह बताया कि मार्च 2024 की तिमाही के दौरान सेबी से मिले कारण बताओ नोटिस से पिछले वित्तीय वर्ष के उसके वित्तीय स्टेटमेंट पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। कंपनी ने यह भी कहा कि उसके ऊपर लागू नियमों व कानूनों का पालन नहीं करने का कोई मजबूत मामला नहीं है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के ऊपर शेयरों के दाम को प्रभावित करने के साथ-साथ कई गंभीर इल्जाम लगाए थे। जिसके बाद यह मामला काफी बढ़ गया था। फिर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SEBI के द्वारा जांच कराई गई। लेकिन जांच में मालूम चला कि अडानी समूह के खिलाफ जिन कथित गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए थे, वे सही नहीं थे।
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