नई दिल्ली: नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में लगभग 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, ये सफलता सरकार द्वारा की गई कई पहलों के कारण पोषण अभियान और एनीमिया मुक्त भारत जैसी उल्लेखनीय पहलों से स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच में काफी सुधार हुआ है, और जिससे असमानताओं […]
नई दिल्ली: नीति आयोग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में लगभग 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, ये सफलता सरकार द्वारा की गई कई पहलों के कारण पोषण अभियान और एनीमिया मुक्त भारत जैसी उल्लेखनीय पहलों से स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच में काफी सुधार हुआ है, और जिससे असमानताओं में उल्लेखनीय कमी भी आई है. बता दें कि इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों में से एक ₹81.35 करोड़ के लाभ को कवर करती है. दरअसल ग्रामीण और शहरी आबादी को भोजन वितरित किया जाता है, और सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के द्वारा मुफ्त अनाज वितरण को अगले 5 सालों तक बढ़ाना है.
बता दें कि मातृ स्वास्थ्य सहायता कार्यक्रम और उज्ज्वला कार्यक्रम के माध्यम से स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन का वितरण, सौभाग्य के माध्यम से बेहतर बिजली आपूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन जैसे परिवर्तनकारी अभियान सामूहिक रूप से लोगों की मदद कर रहे हैं, और उन्होंने अपने रहने की स्थिति में सुधार किया है. साथ ही अपनी समग्र स्थिति में सुधार किया है, और इसके साथ ही प्रधान मंत्री जन-धन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे कई प्रमुख कार्यक्रमों ने वित्तीय समावेशन और वंचितों को सुरक्षित आवास प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
ख़बरों के अनुसार राज्यों का प्रदर्शन अलग-अलग रहा है, और कुछ राज्यों में जहां परंपरागत रूप से गरीबी का स्तर उच्च था, वहां उन्होंने लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. दरअसल इससे दोनों राज्यों के बीच बहुआयामी गरीबी में असमानता कम हुई है, और इससे बुनियादी सेवाओं तक पहुंच में मूलभूत समस्याओं का काफी तेज़ी समाधान हो रहा है.