ABHY Atal Bhujal Yojana: भारत में भूजल का स्तर लगातार कम होता जा रहा है. पानी के इस संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने अटल भूजल योजना को लागू किया. सरकार इस पर कुल 6000 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिसमें से 3000 करोड़ विश्व बैंक की ओर से दिए जाएंगे.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लगातार घटते जा रहे भूजल (ग्राउंड वॉटर) के संकट से निपटने के लिए अटल भूजल योजना Atal Bhujal Yojana की शुरुआत की. अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य फिर से भूजल की मात्रा को बढ़ाना और किसानों को खेती करने के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारन करना है. केंद्रीय जलसंसाधन मंत्रालय की ओर से अटल भूजल योजना को लागू किया गया है. इस योजना को देश के उन राज्यों में फोकस किया गया है जहां पर भूजल संकट अधिक है. अटल भूजल योजना के लिए 6000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें 3000 करोड़ रुपये और विश्व बैंक 3000 करोड़ रुपये की सहायता देगा.
आपको बता दें कि वर्ष 2016-17 के बजट में राष्ट्रीय भूजल प्रबंध सुधार योजना National Groundwater Management Improvement Scheme (NGMIS) की घोषणा की गई थी. अटल भूजल योजना केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. लगातार घटते भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए 5 जून 2018 को इस योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना में केंद्र और विश्व बैंक की आधी-आधी हिस्सेदारी होगी. अटल भूजल योजना को गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लागू किया गया है. इस योजना के तहत इन राज्यों के 78 जिलों, 193 ब्लॉकों और 8350 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है. अटल भूजल योजना का कार्यान्वयन केंद्रीय जलसंसाधन मंत्रालय करती है. अटल भूजल योजना की कार्यान्वयन अवधि 5 वर्ष है.
अटल भूजल योजना की मुख्य बातें
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बिलियन घन मीटर भूजल का दोहन किया जाता है. यह सकल वैश्विक भूजल का करीब 25 फीसद है. पिछले 45-50 सालों से भारत में शहरी और ग्रामीण व्यवस्था भूजल पर आधारित है. अटल भूजल योजना पर कुल 6000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इनमें से 3000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 3000 करोड़ विश्व बैंक की ओर से दिए जाएंगे. इस योजना को विश्व बैंक की सहायता से 2018-19 से 2022-23 तक की पांच वर्ष की अवधि में कार्यान्वित किया जाना है.
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अटल भूजल योजना का उद्देश्य समुदाय भागीदारी के माध्यम से देश के प्राथमिक क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार लाना है. इस योजना में विभिन्न प्रयोजनों में समुदायों की सक्रीय भागीदारी जैसे जल प्रयोक्तों संघों का गठनस ग्राउंड वॉटर डेटा की निगरानी और प्रसार, ग्राम पंचायत वार जल सुरक्षा योजनाओं और टिकाऊ भूजल प्रबंधन से संबंधित आईईसी गतिविधियों के कार्यान्वयन और प्रसार को प्रसारित किया गया है. इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए आप जल संसाधन मंत्रालय की वेबसाइट mowr.gov.in पर जा सकते हैं.