Abhinandan Varthaman Returns India: भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की पाकिस्तान से वापसी के बाद अब उनलोगों की उम्मीदें जग गई है, जिनके अपने साल 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के बाद युद्ध बंदी के रूप में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. 54 परिवारों ने नरेंद्र मोदी सरकार से गुहार लगाई है कि वे पाकिस्तान की इमरान खान सरकार से लापता और पाक जेल में बंद भारतीयों की पहचान कर उन्हें भारत को सौंपने की अपील करें.
नई दिल्लीः भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की भारत वापसी पर पूरे देश में जश्न का माहौल है और लोग उनकी बहादुरी के किस्से सुना रहे हैं. लेकिन इस बीच साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लापता हुए या पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय जवानों के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाते हुए सवाल किया है कि हमारे अपने कब वापस लौटेंगे, कोई तो उनके बारे में सोचे और हमें खबर करे कि उनका दीदार करने को मिलेगा भी या नहीं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है.
मालूम हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के बाद दूसरी बाद साल 1971 में युद्ध हुआ था, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान से बांग्लादेश का विभाजन हुआ और इस युद्ध में हजारों भारतीय जवान शहीद हो गए.
अभिनंदन वर्तमान की रिहाई के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान सरकार से अपील की थी कि वे 48 साल पहले हुए 1971 के युद्धबंदियों को भी रिहा करे जो वर्षों से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं.
सीएम अमरिंदर सिंह की अपील के बाद अब भारत के 54 परिवारों ने नरेंद्र मोदी सरकार से अपील की है कि वे पाकिस्तान सरकार से उनकी जेलों में बंद भारतीयों की पहचान कर उन्हें रिहा करवाने की कोशिश करे.
दिल्ली की रहने वालीं 70 साल की दयावंती तांबे के पति लेफ्टिनेंट विजय तांबे का विमान 1971 के युद्ध के दौरान लापता हो गया था. दयावंती ने कहा कि सरकार ने उनके पति को ढूंढने की कभी कोशिश नहीं की.
दयावंती तांबे कुछ साल पहले जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स डायरेक्टर पद से रिटायर हुई हैं. उनकी शादी को 18 महीने ही हुए थे कि उनके पति लापता हो गए.
दयावंती तांबे ने कहा कि उन्होंने साल 2013 में गुजरात हाई कोर्ट की मदद से इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपने पति की खोजबीन और रिहाई से जुड़ी अपील की, लेकिन केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिली, जिस कारण कोई फायदा नहीं हुआ.
दयावंती ने कहा कि कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए तो सरकार ने काफी प्रयास किए, लेकिन हमारे अपनों के लिए भारत सरकार ने कुछ नहीं किया.
यही अपील पंजाब के मालवा क्षेत्र के चार परिवारों की भी है, जिनके अपने 1971 की भारत-पाक लड़ाई के बाद पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं. अब वे पंजाब के मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक याचिका सौंप कर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भारतीयों की रिहाई की मांग करने की योजना बना रहे हैं.
पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप तबाह करने से तिलमिलाए पाकिस्तान ने जब भारतीय सीमा में एफ-16 के जरिये कार्रवाई की कोशिश की तो भारतीय वायु सेना के जाबांज अभिनंदन वर्तमान ने मिग-21 बाइसन के जरिये उन्हें खदेड़ दिया, लेकिन जवाबी कार्रवाई के दौरान उनका विमान क्रैश हो गया और वह पाक सेना के हाथ लग गए. बाद में पाकिस्तान ने उन्हें शांति की पहल के तहत रिहा करने की घोषणा की.