नई दिल्ली। 1993 के बम धमाकों को लेकर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। बम धमाकों के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को न्यायालय ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को किसी भी केस में दोषी नहीं पाया है। राजस्थान के अजमेर की टाडा कोर्ट की ओर से यह फैसला सुनाया […]
नई दिल्ली। 1993 के बम धमाकों को लेकर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। बम धमाकों के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को न्यायालय ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को किसी भी केस में दोषी नहीं पाया है। राजस्थान के अजमेर की टाडा कोर्ट की ओर से यह फैसला सुनाया गया है। बता दें कि हादसे के 31 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
एक ओर जहां अदालत ने अब्दुल करीम टुंडा को मामले में बरी कर दिया है। वहीं इरफान और हमीदुद्दीन को अदालत ने दोषी करार दिया है। आपको बता दें कि 2013 में नेपाल बॉर्डर से करीम टुंडा को गिरफ्तार किया गया था। 1993 में हैदराबाद, लखनऊ, सूरत, कानपुर, मुंबई की कुछ ट्रेनों में सिलेसिलेवार बम धमाके हुए थे। जिसका आरोप करीम टुंडा के साथ इरफान और हमीदुद्दीन पर भी लगा था।
6 दिसंबर 1993 में अयोध्या में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कोटा, कानपुर, हैदराबाद, लखनऊ, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। बता दें कि 28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने ही इस मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसमें से सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर बाकियों की सजा बहाल रखी थी, जो फिलहाल जयपुर जेल में बंद है।
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