नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली शहजादी खान को 15 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात में फांसी दे दी गई। शहजादी पर आरोप था कि उन्होंने एक मासूम बच्चे की हत्या की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फांसी से चंद घंटे पहले शहजादी ने अपने माता-पिता से फोन पर बात की थी।
शहजादी ने फांसी से पहले अपने माता-पिता को फोन किया था। इस दौरान उसने पिता से कहा कि अब्बू ये मेरी आखिरी फोन कॉल है, हो सकता है कि मैं अब आपको फोन ना कर पाऊं। आपने जो केस दर्ज कराया है, उसे वापस ले लेना। किसी से कोई दुश्मनी मत लेना और ज्यादा परेशान मत होना।
माता-पिता से फोन पर बातचीत के दौरान शहजादी लगातार रोती रही। वो मां-बाप को समझाती रही कि अब कोर्ट कचहरी के ज्यादा चक्कर मत लगाना। वहीं, पैरेंट्स भी शहजादी को लगातार दिलासा देते रहे कि उसे फांसी नहीं दी जाएगी, वो डरे नहीं।
बता दें कि शहजादी क 15 फरवरी को फांसी हुई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में शहजादी की मौत की पुष्टि की थी। इस बीच शहजादी के पिता शब्बीर खान ने भारत सरकार से गुहार लगाई थी कि बेटी का शव भारत लाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब 5 मार्च को दुबई में ही शहजादी का अंतिम संस्कार होगा।
भारत नहीं आएगा शहजादी का शव, कब और कहां होगा अंतिम संस्कार, जानें पूरी बात