आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत दूसरी बार ट्रीटमेंट कराने जा रहे लोगों को आधार साथ ले जाना अनिवार्य है. अगर आधार नहीं बना है तो लाभार्थी को यह साबित करना होगा कि उसने आधार बनवाने के लिए अप्लाई कर दिया है. इसके बगैर इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य स्कीम आयुष्मान भारत योजना का पहली बार लाभ लेने के लिए आधार जरूरी नहीं है. लेकिन दूसरी बार ट्रीटमेंट कराने के लिए आधार अनिवार्य है. एक उच्चाधिकारी ने इसकी जानकारी दी. पीएमजेई को लागू करने के लिए उत्तरदायी राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी के सीईओ इंदु भूषण ने कहा कि आधार उपलब्ध नहीं है तो लाभार्थियों को दस्तावेज दिखाकर साबित करना होगा कि उन्होंने 12 अंकों के आधार के लिए अप्लाई कर दिया है. आधार को संवैधानिक रूप से मान्य घोषित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते यह कदम आया है.
भूषण ने कहा, योजना का पहली बार लाभ उठाने के लिए पहचान का कोई भी दस्तावेज को दिखाया जा सकता है लेकिन दूसरी बार के लिए आधार अनिवार्य है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं. आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (AB-NHPM) का नाम बदलकलकर अब AB-PMJAY कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को इसकी शुरूआत झारखंड से की थी.
47,000 लोगों को फिलहाल इस योजना का लाभ मिल रहा है. इस योजना के अंतर्गत आने वाले लोगों को सरकार की तरफ से पांच लाख का हेल्थ कवर देना है. इसका लाभ गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि 10.74 करोड़ गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की खूबियां गिनाते हुए कहा था कि अब हर गरीब का इलाज अच्छे अस्पताल में हो सकेगा.
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