Mumbai Aarey Forest Trees Cut Protest Highlights: मुंबई के आरे में पेड़ों की कटाई पर सड़क से सोशल मीडिया तक घमासान, चिपको आंदोलन की तरह पेड़ बचाने के लिए जुटे मुंबई के हजारों पर्यावरण प्रेमी, शिवसेना और बीजेपी में ठनी

Mumbai Aarey Forest Trees Cut Protest Highlights, Aarey Jungle ke Pedon ko kaatne per virodh pradarshan: मुंबई में आरे जंगलों के पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है. शुक्रवार रात में अधिकारियों ने पेड़ों की कटाई शुरू की. मुंबई में लोग इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लिया गया. प्रदर्शनकारियों को देखते हुए पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है और निर्देश दिए हैं कि इलाके के 3 किमी के आस-पास कोई नहीं आ सकता. आदित्य ठाकरे देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ भड़क गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अरे को कुछ हुआ तो बर्दाशत नहीं करेंगे. वहीं कार्यकर्ताओं ने पेड़ से चिपक कर चिपको आंदोलन की तर्ज पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

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Mumbai Aarey Forest Trees Cut Protest Highlights: मुंबई के आरे में पेड़ों की कटाई पर सड़क से सोशल मीडिया तक घमासान, चिपको आंदोलन की तरह पेड़ बचाने के लिए जुटे मुंबई के हजारों पर्यावरण प्रेमी, शिवसेना और बीजेपी में ठनी

Aanchal Pandey

  • October 5, 2019 11:05 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

मुंबई. Mumbai Aarey Forest Trees Cut Protest Highlights: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 2,500 से अधिक पेड़ों की कटाई के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. जिसके एक दिन बाद मुंबई के ग्रीन लंग आरे जंगल को बचाने के लिए लड़ाई को आगे बढ़ाने की योजना के तहत बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ. इसके बाद कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और आरे की ओर जाने वाली सड़कों को पुलिस ने बंद कर दिया. मेट्रो निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने पर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने सोशल मिया पर ट्वीट करके आरे जंगल में पेड़ काटे जाने पर गुस्सा जताया. आदित्य ठाकरे ने कहा, ये गुस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जाकर दिखाना चाहिए, पेड़ नहीं आतंकी कैंप को नष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आरे को छुआ गया तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने सुन्दरलाल बहुगुणा की तरह एक चिपको आंदोलन शुरु कर दिया है. कार्यकर्ता पेड़ों से चिपक कर उन्हें बचाने की कोशिश में जुटे हैं.

शुक्रवार को हाई कोर्ट ने आरे को एक जंगल के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया, जिससे अधिकारियों को मुंबई मेट्रो के लिए एक शेड के निर्माण के लिए पेड़ों को काटने की अनुमति मिल गई. यह निर्णय उन कार्यकर्ताओं के लिए एक झटका था जो 2,700 पेड़ों की प्रस्तावित कटाई का विरोध कर रहे थे और उन्होंने मेट्रो 3 परियोजना के डिपो के स्थानांतरण की मांग की थी.

1,287 हेक्टेयर और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से सटे आरे कॉलोनी को मुंबई महानगर के लिए फेफड़े के रूप में जाना जाता है. कई बॉलीवुड हस्तियों और राजनेताओं ने भी आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को अपना समर्थन दिया था. 20 सितंबर को, महाराष्ट्र सरकार ने अदालत से कहा था कि आरे को सिर्फ हरियाली के कारण जंगल घोषित नहीं किया जा सकता है. मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अदालत में तर्क दिया था कि यह परियोजना शहर के लिए सबसे महत्वपूर्ण थी. एमएमआरसीएल के वकील आशुतोष कुंभकोनी ने कहा, स्थानीय उपनगरीय ट्रेनों में भीड़भाड़ के कारण हर दिन 10 लोगों की मौत हो जाती है. मेट्रो परियोजना से ट्रेनों का दबाव कम होगा.

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