नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार अरविंद केजरीवाल सरकार को दिया था. अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी. इसमें तीन सदस्य- […]
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार अरविंद केजरीवाल सरकार को दिया था. अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी. इसमें तीन सदस्य- मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव होंगे. यह कमेटी बहुमत के आधार पर कोई भी फैसला लेगी. अगर कमेटी में फैसले को लेकर कोई विवाद पैदा होता है तो अंतिम फैसला उपराज्यपाल करेंगे. अब 6 महीने के अंदर संसद में इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा.
आम आदमी पार्टी अध्यादेश के खिलाफ 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान पर महारैली करने का ऐलान किया है. महारैली को लेकर आम आदमी पार्टी जगह-जगह पोस्टर लगा रही है. आम आदमी ने अपने पोस्टर में साफ लिखा है कि केंद्र सरकार की तानाशाही के खिलाफ रामलीला मैदान में महारैली. इस पोस्टर में AAP के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का फोटो भी चस्पा किया गया है. यह महारैली दिल्ली के रामलीला मैदान में सुबह 11 बजे होगी. इस महारैली में आम आदमी पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और जनता भी भारी संख्या में मौजूद रहेगी.
इस रैली को सफल बनाने के लिए आम आदमी पार्टी की तरफ से 4 जून को दिल्ली ईकाई के संयोजक और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस महारैली को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं के निर्देश दिए गए. आज यानी 5 जून को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली के घरों में जाकर लोगों से अपील कि की 11 जून को रामलीला मैदान में पहुंचकर रैली को सफल बनाए. इस रैली में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, सभी वरिष्ठ नेता विधायक और कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे.
अध्यादेश के खिलाफ सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्ष के नेताओं से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेताओं से अपील की है कि राज्यसभा में इस अध्यादेश का विरोध करे ताकि पास न हो सके. केजरीवाल ने कांग्रेस नेता, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तमाम अन्य विपक्ष के नेताओं से मिलकर समर्थन मांगा है.