बेंगलुरु: कर्नाटक में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. चुनाव आयोग के तारिख का ऐलान करते ही राजनीतिक पार्टियां भी उम्मीदवारों की सूची करने लगी हैं. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने भी अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है. शुक्रवार(31 मार्च) को जहां आम आदमी पार्टी ने 60 उम्मीदवारों […]
बेंगलुरु: कर्नाटक में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. चुनाव आयोग के तारिख का ऐलान करते ही राजनीतिक पार्टियां भी उम्मीदवारों की सूची करने लगी हैं. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी ने भी अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है. शुक्रवार(31 मार्च) को जहां आम आदमी पार्टी ने 60 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. बता दें, दिल्ली और पंजाब के विधानसभा चुनावों में सफलता मिलने के बाद दूसरे राज्यों में आम आदमी पार्टी अपनी ताकत बढ़ाने की फिराक में है. हालांकि जिस तरह की सफलता उसे पंजाब में मिली है उस तरफ की सफलता दूसरे राज्यों में मिल पाने की संभावना कम दिख रही है.
Aam Aadmi Party (AAP) releases second list of 60 candidates for the upcoming #KarnatakaElections2023 pic.twitter.com/tnL9vAy2Uz
— ANI (@ANI) March 31, 2023
आज आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए इस लिस्ट में 60 अन्य उम्मीदवारों के नाम हैं. जहां 20 अप्रैल को नामांकन की आखिरी तारीख है और 21 से 23 अप्रैल तक सभी नामांकन की जांच की जानी है. 24 अप्रैल तक सभी उम्मीदवारों के पास अपना नामांकन वापस लेने का विकल्प होगा. 10 मई को राज्य में वोटिंग होनी है जिसका परिणाम 13 मई को आएगा.
कर्नाटक में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा को बड़ा झटका लगा है. जहां कुडलिगी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एन वाई गोपालकृष्ण ने पार्टी के हाथ इस्तीफा सौंप दिया है. शुक्रवार (31 मार्च) को गोपालकृष्ण ने पार्टी को इस्तीफा दे दिया है. ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि वह कांग्रेस का दामन थाम लेंगे. विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से गोपालकृष्ण ने उनके दफ्तार में मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा है. इसी बीच खबर है कि अरकलागुडु निर्वाचन क्षेत्र से जनता दल (सेकुलर) के भी विधायक एटी रामास्वामी ने आज इस्तीफा दिया है.
हाल ही में गोपालकृष्ण ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं डी के शिवकुमार और सिद्दरमैया से मुलाकात भी की थी. बता दें, पहले वह कांग्रेस में ही थे और वह चार बार (1997, 1999, 2004 और 2008) चित्रदुर्ग जिले के मोलाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र से जीत भी दर्ज़ कर चुके हैं. साल 2018 में कांग्रेस से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था इसलिए वह चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हो गए थे. मोलाकलमुरु के बजाय विजयनगर जिले के कुडलिगी से पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था.
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