नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के तीनों उम्मीदवारों का राज्यसभा जाना तय हो गया है. शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन किसी चौथे उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया. इसी वजह से आप के संजय सिंह, सुशील और एनडी गुप्ता का सांसद बनना तय हो गया है. शनिवार को नामांकन की छंटनी की प्रक्रिया होगी. लेकिन किसी भी अन्य उम्मीदवार के नामांकन दाखिल न करने की वजह से संजय सिंह, सुशील और एनडी गुप्ता का सांसद बनना तय हो गया है. 8 जनवरी को नाम वापस लेने की तारीख है लेकिन सिर्फ तीन ही उम्मीदवारों को राज्यसभा जाना है ऐसे में किसी के भी नाम वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है. आम आदमी पार्टी में राज्यसभा भेजे जाने को लेकर काफी हंगामा हुआ था लेकिन तीन नामों के अलावा किसी अन्य ने नामांकन नहीं दाखिल किया. माना जा रहा था कि कुमार विश्वास या कपिल मिश्रा कोई अड़ंगा अटका सकते हैं लेकिन सबकुछ पार्टी हाईकमान के चाहे अनुसार ही हो गया.
पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने पार्टी की दिवंगत कार्यकर्ता संतोष कोली की मां कलावती कोली मैदान में उतारने का दावा किया था. कपिल मिश्रा ने सुशील गुप्ता के खिलाफ कलावती कोली को उतारने की बात कही थी लेकिन नामांकन के मौके पर वे नजर नहीं आए. 16 जनवरी को राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है लेकिन कोई प्रतिद्वंदी न होने की वजह से इन उम्मीदवारों की वोटिंग नहीं होगी. वैसे ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. दिल्ली में अभी तक राज्यसभा सीट के लिए कभी वोटिंग नहीं हुई है. हर बार सत्तारूढ़ पार्टी के ही राज्यसभा सांसद बनते आए हैं. आप के भी तीनों उम्मीदवार इसी राह पर चलते हुए बगैर वोटिंग के सीधे माननीय बन जाएंगे.
केजरीवाल ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों का चयन जिस अंदाज़ में किया, उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. विधानसभा और पार्षद के उम्मीदवारों के लिए भी जनता के बीच रायशुमारी कराने वाली पार्टी के संयोजक ने नाम लिया और उस पर पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी ने मुहर लगाने की रस्म निभा दी. पार्टी के तीन राज्यसभा कैंडिडेट में दो नाम ऐसे हैं जिनमें से एक सुशील गुप्ता को लेकर कांग्रेस नेता अजय माकन का दावा है कि राज्यसभा टिकट का वादा मिलने के बाद उन्होंने 28 नवंबर को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तो दूसरे संजय सिंह हैं जिनका चुनावी एफिडेविट यानी शपथ पत्र का स्टांप पेपर 30 दिसंबर को ही खरीदा जा चुका था. टिकट का ऐलान 3 जनवरी को पीएसी और विधायकों की एक बैठक के बाद हुआ. कुमार विश्वास और आशुतोष का नाम राज्यसभा के लिए चर्चा में था. कुमार विश्वास पर पार्टी ने अविश्वास दिखाया लेकिन आशुतोष के नाम पर पीएसी की मीटिंग में सहमति नहीं बनने का हवाला दिया गया.
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