नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है. तीन लाइन की इस व्हिप में सांसदों को 31 जुलाई से 4 अगस्त तक सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है. बता दें कि संभावना जताई जा रही है कि आज केंद्र सरकार संसद में इस बिल को […]
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है. तीन लाइन की इस व्हिप में सांसदों को 31 जुलाई से 4 अगस्त तक सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है. बता दें कि संभावना जताई जा रही है कि आज केंद्र सरकार संसद में इस बिल को पेश कर सकती है. राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े इस बिल पर मोदी कैबिनेट पहले ही मुहर लगा चुकी है. राज्य की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी केंद्र के इस अध्यादेश का जमकर विरोध कर रही है.
केंद्र के अध्यादेश पर मीडिया से बात करते हुए AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आज संसद में दिल्ली का जो अध्यादेश केंद्र सरकार पेश करने जा रही है, इससे ज्यादा गैरकानूनी अध्यादेश को अभी तक सदन में नहीं लाया गया है. यह अध्यादेश न सिर्फ संविधान के खिलाफ है बल्कि दिल्ली के 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के भी खिलाफ है. भारतीय जनता पार्टी द्वारा यह सीधे तौर पर दिल्ली के लोगों को धमकी दी जा रही है कि अगर वो किसी और पार्टी को वोट देंगे तो हम उस सरकार की सारी शक्तियां छीनकर उसे नपुसंक बना देंगे.
इससे पहले 25 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली से जुड़े ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद अब जल्द ही इस अध्यादेश को संसद में पेश किया जाएगा. बता दें कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पहले से ही इस अध्यादेश के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक प्रदर्शन कर रही है. AAP को इस अध्यादेश के विरोध में लगभग सभी बड़ी विपक्षी पार्टियों का समर्थन प्राप्त है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई. इस अध्यादेश में दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकारों को स्पष्ट किया गया है. अध्यादेश के दोनों सदनों में पास होने का बाद दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग की असली ताकत उपराज्यपाल के पास ही रहेगी.