नई दिल्ली: बीते दिसंबर में दिल्ली नगर निगम के चुनाव हुए. नतीजों से पता चलता है कि इस बार जनता ने बीजेपी से परेशान होकर 15 साल के बीजेपी के शासन को हटाने के बाद अरविंद केजरीवाल की सरकार को मौक़ा दिया. अपनी जीत के बाद आप का दावा है कि लोग चाहते थे कि […]
नई दिल्ली: बीते दिसंबर में दिल्ली नगर निगम के चुनाव हुए. नतीजों से पता चलता है कि इस बार जनता ने बीजेपी से परेशान होकर 15 साल के बीजेपी के शासन को हटाने के बाद अरविंद केजरीवाल की सरकार को मौक़ा दिया. अपनी जीत के बाद आप का दावा है कि लोग चाहते थे कि दिल्ली में भ्रष्टाचार ख़त्म हो, गंदगी साफ़ हो. शपथ से पहले ही AAP के पार्षदों ने दिल्ली को साफ़ करने का काम भी शुरू कर दिया है लेकिन आप का कहना है कि ये बात बीजेपी को हज़म नहीं हुई तो वो अपने काले कारनामों पर फिर से उतर आए है और एक नई साज़िश शुरू कर दी. ताकि नगर निगम के काम को भी रोका जा सके. आपको बता दें, आज LG ने 10 मनोनीत पार्षदों के नाम का नोटिफिकेशन जारी किया है. इससे पहले ये वो मनोनीत पार्षद होते थे जिसका नाम दिल्ली की सरकार LG को भेजती थी और फिर LG उस फ़ाइल को पास करके भेजते थे.
इस मामले में आप की विधायक आतिशी ने कहा है कि कल MCD कमिश्नर को LG ने फ़ोन कर कहा कि मनोनीत पार्षदों की फ़ाइल आप सीधा मुझे भेजो. इस दौरान पूरी क़ानूनी प्रक्रिया को बाइपास किया गया. चुनी हुई सरकार को फ़ाइल भेजने के बजाय सीधी फाइल LG को भेजी गयी और इस तरह चालाकी से 10 बीजेपी के पार्षदों को LG द्वारा मनोनीत कर दिया गया. LG और बीजेपी फिर डर्टी पॉलिटिक्स पर उतर आयी है. उनका कहना है कि गैर-संवैधानिक तरीक़े से इन बीजेपी के पार्षदों को मनोनीत किया गया है. इसे जनता स्वीकार नहीं करेगी.
मैं बीजेपी और उनके अधीन होम मिनिस्ट्री, LG और पुलिस जो सबकुछ है. उनसे हाथ जोड़कर विनती करती हूँ कि वो अपनी ज़िम्मेदारियों को ठीक से निभाएं. लेकिन इस दौरान बीजेपी का पूरा काम सरकार के कामकाज को रोकना और डर्टी पाॉलिटिक्स करना ही रह गया है. आप कहीं भी देख लीजिये जहां पर भी महिलाओं के साथ छेडछाड और दरिंदगी की घटना समाने आती है तो उसमें कोई ना कोई बीजेपी का नेता ज़रूर शामिल होता है. एक तरफ़ बीजेपी के गुंडे महिलाओं पर अत्याचार कर रहे है और दूसरी तरफ़ बीजेपी के LG और पुलिस उन्हें बचाने का काम कर रहे है.