‘आप’ के महाभारत में ‘अभिमन्यु’ कुमार विश्वास के वध के लिए केजरीवाल और सिसोदिया का जयद्रथ कौन बनेगा ?

जिन्होंने महाभारत पढ़ी है वो जानते हैं कि अभिमन्यु वध में सबसे प्रमुख और सक्रिय भूमिका जयद्रथ की थी जिसने पांडवों को चक्रव्यूह में घुसने से रोक दिया और कौरवों ने घेरकर अभिमन्यु को मार डाला. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी के अंदर राज्यसभा चुनाव को लेकर छिड़ी महाभारत में खुद को अभिमन्यु घोषित कर चुके कुमार विश्वास के राजनीतिक वध के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की खातिर जयद्रथ की भूमिका कौन अदा करता है.

Advertisement
‘आप’ के महाभारत में ‘अभिमन्यु’ कुमार विश्वास के वध के लिए केजरीवाल और सिसोदिया का जयद्रथ कौन बनेगा ?

Aanchal Pandey

  • December 29, 2017 9:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी में एक बार फिर महाभारत जैसे हालात साफ दिख रहे हैं. कौरव कौन है, ये पता नहीं लेकिन आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और राजस्थान के प्रभारी कुमार विश्वास ने खुद को अभिमन्यु के रूप में देखना शुरू कर दिया है. कुमार विश्वास और उनके समर्थकों के बाग़ी तेवर के जवाब में केजरीवाल ने अपना एक पुराना बयान री-ट्वीट किया- ‘जिन जिन लोगों को पद और टिकट का लालच है, आज पार्टी छोड़ कर चले जाएं. वो गलत पार्टी में आ गए हैं.’ केजरीवाल के इस पुराने बयान को नए संदर्भ में देखा जा रहा है और पुरानी घटनाएं याद आ रही हैं, जब आम आदमी पार्टी ने करीब-करीब ऐसे ही हालात में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को बाहर का रास्ता दिखा दिया था.

द्वापर का महाभारत इसलिए हुआ था क्योंकि दुर्योधन ने पांडवों को पांच गांव देने से भी इनकार कर दिया था. आम आदमी पार्टी में महाभारत की वजह बनी हैं दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटें. विश्वास के समर्थक चाहते हैं कि तीन में से एक सीट कुमार को दी जाए. इसके लिए कुमार विश्वास के समर्थकों ने 28 दिसंबर को पार्टी मुख्यालय पर तंबू भी गाड़ दिया था. कुमार विश्वास के लिए गोलबंदी करने की नौबत क्यों आई, ये बात अब रहस्य नहीं है.

अमानतुल्लाह खान वाले प्रकरण के बाद ये बात शीशे की तरह साफ हो गई थी कि आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को कुमार पर विश्वास नहीं रहा. अमानतुल्लाह ने कुमार विश्वास को खुलेआम बीजेपी का एजेंट बताया था. तब पार्टी में टूट का संकट अरविंद केजरीवाल की दखल के बाद टला लेकिन ‘आप’ के राष्ट्रीय अधिवेशन में कुमार विश्वास को वक्ताओं की लिस्ट से बाहर रखा गया और उनके समर्थकों को संदेश मिल गया कि कुमार विश्वास की जगह कहां है.

दरअसल, दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटें हैं और विधानसभा में संख्या बल के आधार पर तीनों सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में ही जाने वाली हैं. तीन सीटों के लिए पार्टी में कई दावेदार हैं. पार्टी के अंदरखाने संजय सिंह, आशुतोष, मीरा सान्याल के नाम की चर्चा तो चल रही है लेकिन कुमार विश्वास का नाम चर्चा में भी नहीं है. ये तब है, जब एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में कुमार विश्वास ने साफ-साफ अपनी चाहत का इज़हार किया था. उन्होंने कहा था- ‘मैं तो लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह जाना चाहता हूं. राज्यसभा पहले आ रही है इसलिए मैं चाहता हूं कि वहां जाऊं. मैं राज्यसभा में जाना चाहता हूं, मैं चाहता हूं कि मैं वहां जाकर अपनी बात रखूं.’

दिल्ली में राज्यसभा चुनाव का एलान हो चुका है. कुमार विश्वास के समर्थकों के तेवर से साफ है कि अगर कुमार विश्वास को राज्यसभा में नहीं भेजा गया तो वो चुप नहीं बैठेंगे. आम आदमी पार्टी में हालात मार्च 2015 जैसे बनते जा रहे हैं. तब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में आमूल-चूल बदलाव के लिए बाग़ी तेवर दिखाए थे. वो भी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से नाराज़ थे. नतीजा ये हुआ कि योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और उनका समर्थन करने वाले प्रोफेसर आनंद कुमार को पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. अब कुमार विश्वास के समर्थक राज्यसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे से पहले दबाव बना रहे हैं और सवालों में घिर गया है कुमार विश्वास का राजनीतिक भविष्य.

इस बात का एहसास कुमार विश्वास को भी है. तभी तो उन्होंने अपने समर्थकों को डांटने-डपटने की बजाय सिर्फ ट्वीट करके निवेदन किया. गौर फरमाइए उनके ट्वीट पर- ‘मैंने आप सब से सदा कहा है,पहले देश,फिर दल,फिर व्यक्ति. @AamAadmiParty मुख्यालय पर जमा कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि स्वराज,Back2Basic,पारदर्शिता के मुद्दों के लिए संघर्ष करें, मेरे हित-अहित के लिए नहीं. स्मरण रखिए अभिमन्यु के वध में भी उसकी विजय है.’ जिन्होंने महाभारत पढ़ी है वो जानते हैं कि अभिमन्यु वध में सबसे प्रमुख और सक्रिय भूमिका जयद्रथ की थी जिसने पांडवों को चक्रव्यूह में घुसने से रोक दिया और कौरवों ने घेरकर अभिमन्यु को मार डाला. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आप के महाभारत में खुद को अभिमन्यु घोषित कर चुके कुमार विश्वास के राजनीतिक वध के लिए केजरीवाल और सिसोदिया के लिए जयद्रथ की भूमिका कौन अदा करता है.

आप दफ्तर में हाई पॉलीटिकल ड्रामा, कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजने की मांग को लेकर समर्थकों ने गाड़ा तंबू

कुमार विश्वास की राज्यसभा दावेदारी पर अरविंद केजरीवाल का सीधा जवाब- जिनको टिकट का लालच है वो पार्टी छोड़कर चले जाएं

Tags

Advertisement