नई दिल्ली: महंगाई की मार झेल रही देश की आम जनता को आज एक बार पर पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों में राहत मिली है। आज देश की प्रमुख कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दाम में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की है. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि देश के सभी पेट्रोल […]
नई दिल्ली: महंगाई की मार झेल रही देश की आम जनता को आज एक बार पर पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों में राहत मिली है। आज देश की प्रमुख कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दाम में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की है. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि देश के सभी पेट्रोल पंप पर आज भी पुरानी कीमतों पर ही तेल की बिक्री जारी रहेगी। बताते चलें कि जयपुर में पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर हुए आज 17 दिन हो गए हैं तेल कंपनी आखिरी बाहर 6 अप्रैल 2022 को स्कूल की कीमतों में बढ़ोतरी की थी।
शुक्रवार 22 अप्रैल के लिए जारी हुए तेल के नए दाम के मुताबिक राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल 105.41और डीजल 96.67 प्रति लीटर है। करीब साढे 4 महीने के लंबे अंतराल के बाद देश के प्रमुख शहरों में 22 मार्च से तेल के दाम बढ़ने से शुरू हुए थे और 6 अप्रैल तक बढ़ते रहे. इस दौरान राजधानी दिल्ली में तेल ₹10 प्रति लीटर महंगा हो गया।
दिल्ली के अलावा मुंबई की बात करें तो यहां 1 लीटर पेट्रोल के दाम120. 51और डीजल के दाम 104.77 हैं। कोलकत्ता में पेट्रोल 115.12 और डीजल 99.83 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 110.85 रुपये, जबकि डीजल की कीमत 100.94 रुपये प्रति लीटर है।
जहां देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बीते 17 दिनों से स्थिर है, वहीं दूसरी ओर इसी दौरान सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी की जा चुकी है. सीएनजी के बढ़ते दाम को देखकर राजधानी दिल्ली में ऑटो और टैक्सी चालक 2 दिन के हड़ताल पर रहे। सीएनजी के बढ़ते दाम से परेशान ऑटो टैक्सी चालक चाहते हैं कि सरकार ऑटो टैक्सी के किराए में जरूरी बढ़ोतरी करें।
ऑटो टैक्सी ड्राइवर द्वारा की गई हड़ताल को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने कमेटी का गठन किया है। इसका सीधा मतलब यह है कि दिल्ली में जल्दी ही ऑटो टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी की जा सकती है। हालांकि दिल्ली में ऑटो टैक्सी के लिए नया किराया तय करना सरकार के लिए काफी मुश्किल होगा। एक तरफ ऑटो टैक्सी ड्राइवर है जो महंगी सीएनजी से परेशान है तो दूसरी तरफ दिल्ली की जनता है जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है। ऐसे में अगर ड्राइवरों को राहत देने के लिए किराया ज्यादा बढ़ा दिया गया तो जनता की कमर टूटनी तय है। इसलिए सरकार की कोशिश होगी कि किराए में इस तरह से बढ़ोतरी की जाए जिससे ड्राइवर को भी महंगी गैस से हो रहे नुकसान को भी कम किया जा सके और यात्रियों की जेब पर भी बोझ ना बढ़े।