नई दिल्ली. अलग अलग राज्यों की सरकार द्वारा आधार कार्ड अनिवार्य किए जाने के चलते अब तक लगभग 56 लोगों की मौत हो चुकी है. दरअसल राशन कार्ड को आधार से लिंक किया जाना आवश्यक होने के कारण कई लोगों को राशन नहीं मिला जिससे ये मौतें हुई हैं. बता दें साल 2009 से जारी किए जा रहे आधार कार्ड को लेकर सरकार का मनना रहा है कि इससे ठगी से बचा जा सकता है. लेकिन आधार न बनवा पाने और उसके राशन कार्ड से लिंक न होने के चलते कई गरीब तबके के लोग भूख से मर गए.
एक्टिविस्टों ने 2015 से अब तक 56 ऐसी मौतों की एक सूची तैयार की है. इनमें से 27 मौतें सीधे आधार से संबंधित थीं. 2015-18 में भूख से मृत्यु पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भूख के कारण 2017 और 2018 में 42 लोगों की मौत हो गई क्योंकि ज्यादातर पीड़ित राशन पाने में असमर्थ थे क्योंकि उनके पास आधार नहीं था. 2018 में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं.
गौरतलब है कि आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है कि आधार में डेटा सुरक्षित रखने के लिए कड़े इंतजाम हैं और आधार के बल पर किसी नागरिक के निगरानी बेहद मुश्किल है. कोर्ट ने कहा कि आधार को हर जगह नहीं लेकिन पैन को जोड़ने, आईटी रिटर्न दाखिल करने और स्थायी खाता संख्या आवंटित करने के लिए और सरकारी योजना लाभों का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य होगा.
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