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रैन बसेरे के लिए आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा: क्या सरकार की नजर में बेघरों का अस्तित्व नहीं ?

रैन बसेरों में आधार कार्ड मांगे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि जो बेघर हैं वो आधार कहां से लाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की बैंच रैन बसेरों में आधार मांगे जाने के मामले की सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने पूछा कि अब तक देश में कितने लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं. इसपर सफाई देते हुए तुषार मेहता ने कहा कि वे यूआईएडीआई की तरफ से पेश नहीं हुए हैं.

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आधार कार्ड
  • January 10, 2018 10:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कुछ बेसिक लेकिन बड़े ही महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं. रैन बसेरा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) तुषार मेहता से पूछा कि जो लोग बेघर हैं तो उनके पास आधार कार्ड कहाँ से आएगा. इसका मतलब कि अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो सरकार की नजर में आप अस्तित्व में ही नही हैं. क्योंकि आधार कार्ड बनवाने के लिए पते की जरूरत होती है और बेघरों के पास तो घर ही नहीं तो वो कहाँ से बनवा पाएंगे. 

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की बैंच रैन बसेरा मामले की सुनवाई कर रही है. इसी दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए ASG तुषार मेहता से ये सवाल पूछा. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की बैंचने पूछा कि अब तक देश में कितने लोगों का आधार कार्ड बन चुका है. इसपर सफाई देते हुए तुषार मेहता ने कहा कि वे यूआईएडीआई की तरफ से पेश नहीं हुए हैं. कुछ राज्य की सरकारों की तरफ से पेश हुए हैं. उन्हें आधार के आंकड़ों की सटीक जानकारी नहीं है. लेकिन आधार के अलावा दूसरे पहचान पत्र भी तो हैं जैसे वोटर कार्ड. इस पर कोर्ट ने कहा की वोटर कार्ड के लिए भी तो पते की जरूरत होगी. लेकिन बेघर कहां से पहचान पत्र लाएंगे.

जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्‍यक्षता वाली बैंच ने यह टिप्‍पणी की. बैंच को बताया गया था कि रैन बसेरों में प्रवेश के लिए आधार कार्ड मांगा गया है. कोर्ट में उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि रैन बसेरों में रात गुजारने के लिए लोगों को पहचान पत्र तो रखना होगा और सामान्‍य तौर पर उन्‍हें आधार कार्ड दिखाने को कहा जाता है. इस पर कोर्ट की बैंचने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अभी सर्दी पड़ रही है अगर किसी को रात में घर से निकाल दिया जाए तो आप बगैर आधार के आश्रय नहीं देंगे?

मुख्‍य सचिव ने जवाब दिया कि आधार एक सबूत है लेकिन कोई ना कोई सबूत तो मांगा जाएगा. यह जवाब बैंच को ठीक नहीं लगा और उसने पूछा कि क्‍या राज्‍य बेघर आदमी को रैन बसेरे की सुविधा देने से इनकार कर देगा.बैंच ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को याचिकाकर्ता और अन्य राज्य सरकारों से बात कर व्यावहारिक स्थिति और बेहतर सुविधा प्रदान करनी चाहिए.

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