लखनऊ: राम लला के आने का सबको बेसब्री से इंतजार है. फिर चाहे देवी, देवता या सामान्य जीव कोई भी हो राम लला के प्रति प्रेम सबके मन में अपार है. फिर इस अपार प्रेम की दौड़ में सूर्य देव कैसे पीछे रह सकते हैं. हर रामनवमी को सूर्य देव आराध्य प्रभु राम के दर्शन […]
लखनऊ: राम लला के आने का सबको बेसब्री से इंतजार है. फिर चाहे देवी, देवता या सामान्य जीव कोई भी हो राम लला के प्रति प्रेम सबके मन में अपार है. फिर इस अपार प्रेम की दौड़ में सूर्य देव कैसे पीछे रह सकते हैं. हर रामनवमी को सूर्य देव आराध्य प्रभु राम के दर्शन करेंगे. जाने क्या है पूरा मामला…
प्रत्येक रामनवमी के दिन सूर्य नरेश आराध्य प्रभु राम के दोपहर 12:00 बजे दर्शन करेंगे. यानी सूर्य की किरण राम लला के माथे पर पड़ेगी. जिसको लेकर राम मंदिर में वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का प्रयास है कि मंदिर में दिव्य रामलला की प्रतिमा का सूर्य नरेश उनके जन्मोत्सव के मौके पर तिलक करें. जोकि आस्था और तकनीक का अनोखा मिश्रण है. निर्माण कार्य में लगे प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आफले कहना हैं कि राम मंदिर में एक विशेषता है कि ऊपर के शिखर से होते हुए सूरज की किरण रामनवमी के दिन भगवान राम के मस्तिष्क पर पड़ेंगी. इसका ट्रायल कर लिया गया है, जो सफल रहा है. प्रत्येक वर्ष राम लला के जन्मोत्सव के मौके पर दोपहर 12:00 बजे सूर्य देव राम लला का दर्शन करेंगे.
राम मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति के साथ किया जा रहा है. संपूर्ण मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य लगभग 90 फीसदी पूरा हो गया है और रिटेनिंग वॉल का काम 60 फ़ीसदी पूरा हुआ है. उसके साथ ही परकोटे का कार्य लगभग 40 फीसदी पूरा हुआ है एवं यात्री सुविधा का कार्य लगभग 65 फीसदी कर लिया गया है. मंदिर के स्तंभों पर देवी देवताओं की प्रतिमाओं की आकृति बनाई जा रही है. साथ ही खिड़की और दरवाजे लगाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि नवंबर महीने के अंत तक मंदिर के प्रथम चरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.