पटना: 1,710 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल का एक हिस्सा शनिवार को ढह गया. इस साल 18 जून के बाद से पुल ढहने की 12वीं घटना है. इससे पहले की घटनाओं ने राज्य में सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा कर दीं. वहीं विपक्ष ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. 9 वर्षों से अधिक समय से बन रहे गंगा नदी पर 3.1 किमी लंबे पुल ने पहले भी दो बार ऐसे पतन देखे हैं. दोनों ही मामलों में पुल की ऊपरी संरचना नीचे नदी में गिर गई.
गौरतलब है कि बढ़ते पुल ढहने पर बढ़ती चिंताओं को देखते हुए राज्य की नीतीश सरकार ने इस साल की शुरुआत में 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था. नीतीश सरकार की एक प्रमुख परियोजना मानी जाने वाली अगुवानी-सुल्तानगंज पुल राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो राज्य के कोसी क्षेत्र को खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिलों से जोड़ती है.
हालांकि पुल का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था, लेकिन अब तक यह केवल 45 प्रतिशत ही पूरा हुआ है. पुल परियोजना एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शुरू की जा रही है. एसपी सिंगला इससे पहले तब सवालों के घेरे में आए थे जब 2013 में उद्घाटन से पहले ही बलुआहा घाट कोसी में गिर गया था. कंपनी को हाल ही में भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के समानांतर निर्माण का काम सौंपा गया है और यह उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में अन्य पुल परियोजनाएं भी शुरू कर रही है. इस परियोजना को नवंबर 2019 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक इसमें आठ विस्तार हो चुके हैं. नवीनतम समय सीमा इस वर्ष दिसंबर है.
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