नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अपनी बात रखी. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने भारत और रूस के रिश्तों को लेकर भी बड़ा बयान दिया. जयशंकर ने कहा कि 1955 के बाद से विश्व में बहुत कुछ हुआ है, लेकिन भारत और रूस का रिश्ता हमेशा स्थिर रहा है, क्योंकि दोनों देश यह समझते हैं कि दोनों बड़े देश है और हमारे रिश्तों पर पूरे यूरेशिया की स्थिरता निर्भर है. रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत-रूस के संबंध पर पड़े प्रभाव पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस यूक्रेन के युद्ध का अलग-अलग देशों पर अलग प्रभाव पड़ा है. अब रूस और चीन या और किसी अन्य देश पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा वह वे खुद ही तय करेंगे.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया विशेष रूप से ग्लोबल साउथ भारत को एक विकास भागीदार के रूप में देखता है. एक ऐसा भागीदार जो विश्वसनीय है और प्रभावी विकास के लिए संकल्पित है. इतना ही नहीं, एक विकास भागीदार जो प्रधानमंत्री द्वारा कही गई बातों पर खरा भी उतरता है. जयशंकर ने कहा कि आज भारत की दूसरी छवि एक आर्थिक सहयोगी की है.
जयशंकर ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बहुत से देशों ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था, लेकिन हम उस दौरान विभिन्न देशों में फंसे हुए कम से कम 70 लाख भारतीयों को वापस लाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को सुनना चाहती है. लोगों को लगता है कि भारत के साथ काम करने से उनका प्रभाव भी तेज होगा. विदेश मंत्री ने कहा कि हम आज जो प्रभाव डाल रहे हैं, उससे दुनिया में हमारी परंपरा का उत्सव मनाया जा रहा है.
एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा कि भारत अब किसी के बहकावे में नहीं आता है. अब हम किसी की झूठी बातों और प्रलोभन से प्रभावित नहीं होते हैं. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने अपनी प्रेस वार्ता में भारतीय विदेश नीति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव डाल रहा है, जिसे पूरा विश्व मान्यता दे रहा है.
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