नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है. बता दें, आयुष्मान भारत पैनल में शामिल 24000 से अधिक अस्पतालों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम ESIC के साथ जोड़ने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत ESIC के लाभार्थियों को भी इलाज की सुविधा मिलेगी। वहीं श्रम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है, जिससे संगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों और उनके परिजनों को मुफ्त और कैशलेस इलाज मिल सकेगा।

क्यों उठाया गया ये कदम

केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि दूर-दराज और छोटे शहरों के संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह पहल की जा रही है। वहीं इस प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बता दें ESIC के तहत मार्च 2024 तक 3.72 करोड़ कर्मचारी और उनके आश्रितों सहित कुल 14.44 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। ESIC और आयुष्मान भारत को जोड़ने के बाद अब ये सभी लाभार्थी देशभर के 31,000 से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करवा सकेंगे। इस अस्पतालों की सूची में 150 से अधिक ESIC अस्पताल और 1600 डिस्पेंसरी शामिल है.

मंत्री मनसुख मंडाविया ने आगे बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के मानकों के हिसाब से आयुष्मान भारत पैनल में शामिल अस्पतालों को सूचीबद्ध किया है. इसलिए इन्हें ईएसआईसी जोड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी।

इलाज पर खर्च की कोई सीमा नहीं

श्रम मंत्री ने स्पष्ट किया कि ESIC के तहत लाभार्थियों के इलाज पर कोई कैपिंग नहीं होगी। मतलब यह कि इलाज का पूरा खर्च ESIC द्वारा वहन किया जाएगा। वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध है, जिसका लाभ केंद्र सरकार द्वारा 60 करोड़ लोगों को दिया जा रहा है.

इन 15 जिलों को मिला ESIC का कवरेज

श्रम मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों को ESIC स्वास्थ्य सेवाओं के तहत शामिल करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे अब राज्य के 75 में से 74 जिले इस योजना के दायरे में आ गए हैं। वहीं सूबे का केवल बांदा जिला ही इससे बाहर है.

उत्तर प्रदेश के जिन 15 जिलों को योजना में शामिल किया गया है, वे हैं: अंबेडकर नगर, औरैया, बहराइच, गोंडा, हमीरपुर, जालौन, कन्नौज, महाराजगंज, महोबा, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, शामली, प्रतापगढ़, कासगंज और श्रावस्ती।

क्या है ESIC योजना

ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसके तहत स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक सुरक्षा दी जाती है। इसके तहत बीमारी, मातृत्व, विकलांगता और कार्यस्थल पर चोट की स्थिति में मुफ्त इलाज और मुआवजा मिलता है।

कौन-कौन उठा सकता है लाभ?

जिन कर्मचारियों का मासिक वेतन 21,000 रुपये या उससे कम है, वे ESIC योजना का लाभ उठा सकते हैं।

दिव्यांग कर्मचारियों के लिए यह सीमा 25,000 रुपये है।

नौकरी बदलने पर भी बीमा नंबर वही रहता है, जिससे कर्मचारी को लगातार स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलता रहता है।

ESIC के फायदे

  • बीमित कर्मचारी और उनके परिवार को पूरी चिकित्सा देखभाल मिलती है।
  • इलाज पर कोई खर्च सीमा नहीं होती।
  • गंभीर बीमारी की स्थिति में 90 दिनों तक वेतन का 70% नकद मुआवजा मिलता है।
  • महिलाओं को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश और वेतन का 100% मिलता है।
  • दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में परिवार को वेतन का 90% मासिक भुगतान किया जाता है।

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