Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उद्धव ठाकरे बोले देशभक्त हूं, अंधभक्त नहींं, जानें 22 जनवरी को क्या करेंगे?

नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर पर शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा “राम मंदिर बन रहा है और हर कोई इससे खुश है, लेकिन मैं देशभक्त हूं, कोई अंध विश्वासी नहीं”. बता दें कि मेरे पिता जी का सपना था कि एक राम मंदिर बने और हम सभी खुश हैं कि मंदिर बन रहा […]

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Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उद्धव ठाकरे बोले देशभक्त हूं, अंधभक्त नहींं, जानें 22 जनवरी को क्या करेंगे?

Shiwani Mishra

  • January 13, 2024 12:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर पर शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा “राम मंदिर बन रहा है और हर कोई इससे खुश है, लेकिन मैं देशभक्त हूं, कोई अंध विश्वासी नहीं”. बता दें कि मेरे पिता जी का सपना था कि एक राम मंदिर बने और हम सभी खुश हैं कि मंदिर बन रहा है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के विषय पर शंकराचार्य के परिवार से चर्चा करनी पड़ी, और उद्धव ठाकरे ने कहा ”हम 22 जनवरी की शाम को गोदावरी नदी के तट पर आरती करेंगे.”

22 जनवरी को क्या करेंगे?

शिवसेना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर 22 जनवरी को नासिक में पार्टी के समारोह में शामिल होने का अनुरोध किया है. हालांकि 22 जनवरी को नासिक के कालाराम मंदिर में शिवसेना (यूबीटी) ने एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया है, और एक पत्र में कहा कि भगवान राम का जन्म क्षेत्र अयोध्या है लेकिन नासिक पंचवटी दंडकारण्य उनका कर्म क्षेत्र है. बता दें कि निर्वासन के दौरान उन्होंने जनजातियों और वनवासियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा. हालांकि यहां भगवान राम की लीलाओं के साक्ष्य आज भी मौजूद हैं, और नासिक का कालाराम मंदिर इसका एक और प्रमाण है कि नासिक में होने वाले कार्यक्रम के लिए शिवसेना ने राष्ट्रपति को निमंत्रण पत्र भेजा है.प्राण प्रतिष्ठा के दिन गोदावरी के तट पर आरती करेंगे उद्धव ठाकरे, बोले- देशभक्त हूं, अंधभक्त नहीं - Aaj Ki Khabar

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा और इसमें शंकराचार्यों की कथित गैर-भागीदारी को लेकर उद्धव ठाकरे से सवाल किया गया, और विपक्ष का दावा है कि शंकराचार्यों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा योजना का बहिष्कार किया है. साथ ही विपक्ष का दावा है कि अधूरे राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा और शास्त्रों के मुताबिक समर्पण नहीं होने से शंकराचार्य नाराज हैं. दरअसल श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य किसी भी तकरार से इनकार करते हैं.

 

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