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‘असहिष्णुता’ पर बोले राजनाथ, अंबेडकर ने देश नहीं छोड़ दिया था

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने असहिष्णुता को लेकर देश में जारी बहस पर अपना बयान दिया. संविधान पर चर्चा के दौरान ही राजनाथ ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा 'सेक्युलर' शब्द का दुरूपयोग किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इस देश में सबसे ज्यादा अपमान डॉ बाबा साहब अम्बेडकर का हुआ था लेकिन उन्होंने इसके चलते देश नहीं छोड़ दिया था.

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  • November 26, 2015 7:06 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने असहिष्णुता को लेकर देश में जारी बहस पर अपना बयान दिया. संविधान पर चर्चा के दौरान ही राजनाथ ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा ‘सेक्युलर’ शब्द का दुरूपयोग किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इस देश में सबसे ज्यादा अपमान डॉ बाबा साहब अंबेडकर का हुआ था लेकिन उन्होंने इसके चलते देश नहीं छोड़ दिया था. 
 
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पहले दो दिनों तक संविधान पर चर्चा शुरू की गई. इसी दौरान राजनाथ ने अपरोक्ष रूप से कथित ‘असहिष्णुता’ को लेकर हमलावर हो गए. राजनाथ सिंह ने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने देश में काफी अपमान सहा था. लेकिन, उन्होंने कभी देश छोड़ देने की बात नहीं की. इसके साथ ही वे कभी देश छोड़ कर नहीं गए. गौरतलब है कि इस वर्ष डॉ. अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही है.
 
राजनाथ ने कहा कि इस समय देश में ‘सेक्यूलर’ शब्द का गलत इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. साथ ही उन्होंने  कहा कि देश में सेक्यूलर शब्द का हिंदी अनुवाद आम तौर पर ‘धर्म निरपेक्ष’ किया जाता है. राजनाथ सिंह ने कहा कि यह गलत है और इसकी जगह सही शब्द ‘पंथ निरपेक्ष’ का इस्तेमाल होना चाहिए.
 
इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया कि आरक्षण एक संवैधानिक मसला है. उन्होंने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पर कोई बहस होनी ही नहीं चाहिए. साथ ही अंबेडकर की श्रमिक अधिकारों को लेकर चिंता का जिक्र भी किया.

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