नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी में पहले राउंड में 97,387 छात्रों को सीटें आवंटित की गई हैं. 52,838 लड़कियों और 44,549 लड़कों को अलग-अलग कॉलेजों में सीटें मिल गई हैं, जिन पर वे दाखिला ले सकते हैं. डीयू में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए कुल 71,600 सीटें हैं. लेकिन यूनिवर्सिटी ने पहले राउंड में एक्स्ट्रा सीटों पर एडमिशन लेने का फैसला किया है, ताकि भविष्य के राउंड में अगर कुछ छात्र दूसरे कॉलेजों या कोर्सेज के लिए सीटें छोड़ दें तो डीयू में सीटें खाली न रहें. बी.कॉम ऑनर्स प्रोग्राम के लिए आवंटित सीटों की अधिकतम संख्या 10,096 है.
डीयू की प्रवेश शाखा ने अधिक से अधिक कॉलेज-पाठ्यक्रम विकल्प भरने की अपील की थी ताकि उनके प्रवेश की संभावना मजबूत हो सके. छात्रों ने 1,72,18,187 प्राथमिकताएँ भरी.
1. इस साल 2,45,287 छात्रों ने यूजी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था
2. लेकिन सिर्फ 1,85,543 लाख छात्रों ने ही कोर्स-कॉलेज का विकल्प भरा
3. विश्वविद्यालय के 68 Colleges/Institutes/Centres के 79 UG प्रोग्राम
4. 198 BA प्रोग्राम कॉम्बिनेशन की करीब 71 हजार सीटों पर दाखिले होंगे
5. विषय-कॉलेज के लगभग 1559 कॉम्बिनेशन हैं
6. DU ने 5,68,20,017 अद्वितीय कटऑफ और रैंक आवंटित किए हैं
7. 243 अनाथ विद्यार्थियों और 1339 सिंगल बालिकाओं को सीटें दी गई हैं
DU रजिस्ट्रार प्रो. विकास गुप्ता के मुताबिक, इस साल यूनिवर्सिटी ने एक और फीचर जोड़ा है कि वह अपने डैशबोर्ड में कटऑफ और रैंक देख सकेगी, जिसमें सीट आवंटित की गई है. यह छात्र की श्रेणी और कोटा के अनुसार दिखाई देगा. यह समझना महत्वपूर्ण है कि यदि एक से अधिक छात्रों के पास एक ही कार्यक्रम के लिए समान CUET स्कोर है, तो उनकी रैंक भिन्न हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोर्स-कॉलेज का चुनाव अलग-अलग क्रम में होगा.
पहली एलोकेशन सूची के आधार पर शुक्रवार को प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है. छात्र (18 अगस्त) शाम 4:59 बजे तक ‘एक्सेप्ट’ कर सकेंगे. (20 अगस्त) शाम 4:59 बजे तक कॉलेज विद्यार्थियों के दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच कर प्रवेश की सहमति देगा. छात्र 21 अगस्त शाम 4:59 बजे तक फीस जमा कर अपनी सीट पक्की कर सकेंगे. छात्रों को जो सीट मिलेगी उस पर अपनी सहमति देना जरूरी होगा, अन्यथा छात्र कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम से बाहर हो जाएंगे।
सीट मिलने के बाद जो उम्मीदवार दूसरा कॉलेज चाहते हैं उन्हें ‘अपग्रेड’ का विकल्प चुनना होगा. रिक्त सीटों को देखते हुए अगले चरण में उन पर विचार किया जाएगा। यदि छात्र अपग्रेड विकल्प नहीं लेता है तो पिछली सीट पर प्रवेश बरकरार रहेगा.अगर छात्र वही सीट चाहता है जो उसे मिली है तो उसे डैशबोर्ड से सीट को ‘फ्रीज’ करना होगा. इसके बाद ‘अपग्रेड’ करने का कोई मौका नहीं मिलेगा.
पिछले दो वर्षों में, छात्रों को CUET UG परिणाम में सामान्यीकृत स्कोर मिलता था. हालांकि, इस बार रिजल्ट में परसेंटाइल नहीं बल्कि रॉ स्कोर होगा. इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नॉर्मलाइज्ड स्कोर नहीं, बल्कि रॉ स्कोर दिया है. इस कारण से, टाई ब्रेकर फॉर्मूला का अत्यधिक उपयोग किया जा सकता है. CUET स्कोर यदि कुछ छात्रों का स्कोर समान है तो DU इसके लिए टाई ब्रेकर फॉर्मूला का उपयोग करेगा. इसमें 12वीं कक्षा के स्कोर की भूमिका अहम होती है. इस स्थिति में, किस छात्र को सीट मिलेगी इसका निर्णय (Best 3/Best 4/Best 5 Subject Marks/Preference for older candidates/English alphabet) के आधार पर किया जाएगा.
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