'वन रैंक वन पेंशन' पर देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान के बाद सैनिकों का प्रदर्शन और लंबा खिंचता नज़र आ रहा है. सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व सैनिकों ने विरोध स्वरुप आज से अपने मेडल वापस करने का फैसला किया है. उनका कहना है कि सरकार के इस कदम के बाद उनका आंदोलन और तेज होने वाला है.
नई दिल्ली. ‘वन रैंक वन पेंशन’ पर देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान के बाद सैनिकों का प्रदर्शन और लंबा खिंचता नज़र आ रहा है. सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व सैनिकों ने विरोध स्वरुप आज से अपने मेडल वापस करने का फैसला किया है. उनका कहना है कि सरकार के इस कदम के बाद उनका आंदोलन और तेज होने वाला है.
बता दें कि पर्रिकर ने कहा था कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ की सारी मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं. इसके साथ ही अब साहित्यकारों के सम्मान वापसी के बाद अब पूर्व सैनिक भी अपना सम्मान लौटायेंगे. जंतर मंतर पर आंदोलन कर रहे पूर्व-सैनिकों का आरोप है कि सरकार द्वारा दी जाने वाली वन रैंक वन पेंशन दरअसल ‘वन रैक फाइव पेंशन’ है. इस योजना में कई खामियां हैं. आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार पेंशन की समीक्षा हर पांच साल में करेगी. साथ ही प्रि-मेच्योर रिटायरमेंट (वीआरएस) लेने वाले फौजियों को भी इसका फायदा नहीं मिलेगा. सरकार ने शनिवार को जारी नोटिफिकेशन कर अनुसार, अपनी मर्जी से रिटायरमेंट लेने वाले सैनिकों को इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा.