शिवसेना ने एक बार फिर मुस्लिमों पर निशाना साधाते हुए अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, 'मुस्लिमों की बढ़ती आबादी से हिंदुओं को खतरा है. इसलिए देश को बचाने के लिए मुस्लिमों की नसबंदी जरूरी है. मुस्लिमों की सेहत के लिए छोटा परिवार ठीक है. क्योंकि मुस्लिमों और ईसाइयों की बढ़ती आबादी से हिंदुओं को खतरा है.'
नई दिल्ली. शिवसेना ने एक बार फिर मुस्लिमों पर निशाना साधाते हुए अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, ‘मुस्लिमों की बढ़ती आबादी से हिंदुओं को खतरा है. इसलिए देश को बचाने के लिए मुस्लिमों की नसबंदी जरूरी है. मुस्लिमों की सेहत के लिए छोटा परिवार ठीक है. क्योंकि मुस्लिमों और ईसाइयों की बढ़ती आबादी से हिंदुओं को खतरा है.’
इससे पहले शिवसेना के ‘सामना’ में संजय राउत ने अपने लेख में कहा था, ‘मुस्लिमों से उनका मताधिकार वापस ले लेना चाहिए, तब जाकर मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति देश से खत्म होगी. मुसलमानों के वोट सिर्फ सौदेबाजी के लिए उपलब्ध होंगे, तो यह समाज हमेशा गर्त में ही रहेगा और उनके नेता अमीर बनेंगे. इसलिए वोट बैंक की राजनीति खत्म करने के लिए मुस्लिमों से वोटिंग का अधिकार छीन लेना चाहिए.
इस पूरे लेख पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ‘मुस्लिमों से उनका वोटिंग अधिकार कोई माई का लाल नहीं छीन सकता.’ दो दिन पहले हिंदू महासभा की एक नेता साध्वी देवा ठाकुर ने विवादस्पद बयान देते हुए कहा था, ‘‘मुसलमान एवं ईसाइयों की आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस पर अकुंश लगाने के लिए केंद्र को आपातकाल लगाना होगा और उनकी नसबंदी करानी होगी ताकि इनकी आबादी न बढ़ पाए. मस्जिदों और गिरजाघरों में देवी देवताओं की मूर्तियां लगायी जानी चाहिए.’