पटना. 25 सीटों से मैदान में उतरी जीतन राम मांझी की नई-नवेली पार्टी की हालत बुरी हुई है. मांझी इकलौते वीर हैं जो दो सीटों पर लड़कर एक जीत पाए हैं. उनके बेटे, दामाद और पार्टी के बड़े नेता तक को बुरी हार का सामना करना पड़ा है.
हम पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जहानाबाद जिले की मखदूमपुर सीट से हार गए हैं. मांझी को आरजेडी के सूबेदार दास ने 33000 वोटों से शिकस्त दी है. मांझी के लिए राहत की बात ये रही कि वो गया जिले की इमामगंज सीट से 30000 वोटों से जीत गए हैं. मांझी ने यहां जेडीयू नेता उदय नारायण चौधरी को हराया है जो मौजूदा विधानसभा में स्पीकर हैं.
HAM के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को औरंगाबाद ज़िले की कुटुंबा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के राजेश कुमार ने संतोष को करीब 9 हज़ार वोटों से हराया.
बोधगया सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को भी बुरी हार का सामना करना पड़ा है. RJD के कुमार सर्वजीत ने इस सीट पर बीजेपी के श्यामदेव पासवान को करीब तीस हज़ार वोटों से हराया. देवेंद्र मांझी की तो इस सीट से जमानत भी ज़ब्त हो गयी.
HAM के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को भी शिवहर सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. मामला काफी करीबी रहा और JDU के शरफुद्दीन ने लवली को करीब 400 वोटों से हराया.
HAM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी के बेटे राजेश कुमार उर्फ रोहित को भी खगड़िया सीट से हार का सामना करना पड़ा है. JDU की पूनम देवी ने रोहित को करीब 25 हज़ार वोटों से करारी शिकस्त दी.
BJP के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री और ‘हम’ नेता नरेंद्र सिंह के बेटे अजय प्रताप सिंह को भी जमुई सीट से हार का सामना करना पड़ा है. पर हैं. RJD के विजय प्रकाश ने अजय को करीब आठ हज़ार वोटों से हराया है. अजय बीजेपी के टिकट पर ‘हम’ के कोटे से चुनाव लड़ रहे थे.
नरेंद्र सिंह के ही एक और बेटे सुमित कुमार सिंह जमुई जिले की चकाई सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे. सुमित को RJD की सावित्री देवी ने करीब 12 हज़ार वोटों से हराया है.